मुझे मालूम है कि ये ख्वाब झूठे हैं और ख्वाहिशें अधूरी हैं…
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मगर जिंदा रहने के लिए कुछ गलतफहमियां जरूरी हैं…!!
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ये दुनियाँ के तमाम चेहरे तुम्हें गुमराह कर देंगें..
तुम बस मेरे दिल में रहो, यहाँ कोई आता जाता नहीं
राहुल :- ईद महाभारत से भी बहुत पुराना पर्व है
पत्रकार :- मतलब
राहुल :- महाभारत में भी ज़िक्र है भीष्म पितामह कहते थे “आओ उस्मान भाई”
पत्रकार (अपना सिर फोड़ते हुए)
“हे जनेऊधारी वो उस्मान भाई नहीं “आयुष्मान भवः’’ कहते थे
🥴🙀🥴🙀🥴🙀🥴
WHO का कहना है कि “वायरस के साथ ही जीना सीखना होगा” हम लोग तो कई दशकों से कांग्रेस के साथ जी ही रहे हैं।
हँसते रहा करो दोस्तों ..
😊☺😀😃😄
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चिंता करने के लिए..
तो..
बुढ़ापा आयेगा।……
तेरा मेरा दिल बराबर हो नहीं सकता,
तेरा शीशा नही हो सकता,
मेरा पत्थर नहीं हो सकता।
हम सा काहिल न मिलेगा कहीं
खुद ख्वाहिशें हमसे तंग सजन
ये बिग बॉस वाले सुबह उठते ही नाचने लगते हैं !! हमको तो उठने के बाद आधा घंटा ये समझने में लगता है कि !!
कहाँ हूँ !! कौन हूँ !! 😂😂😂😂
हम जिस्म को नही रूह को
वश मे करने का शोक रखते है
आँसूं उठा लेते हैं तेरे ग़मों का बोझ,
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ये वो दोस्त हैं जो एहसान जताया नहीं करते …।
~Kheench Letii Haii Mujhe Unkii Mohabbat Har Bar,
Warna Bohat Baar Mile The Unse Akhir Bar .. ‘
*एक बार एक गाँव में पंचायत लगी थी | वहीं थोड़ी दुरी पर एक संत ने अपना बसेरा किया हुआ था|जब पंचायत किसी निर्णय पर नहीं पहुच सकी तो किसी ने कहा कि क्यों न हम महात्मा जी के पास अपनी समस्या को लेकर चलें अतः सभी संत के पास पहुंचे | जब संत ने गांव के लोगों को देखा तो पुछा कि कैसे आना हुआ? तो लोगों ने कहा ‘महात्मा जी गाँव भर में एक ही कुआँ हैं और कुँए का पानी हम नहीं पी सकते, बदबू आ रही है । मन भी नहीं होता पानी पीने को।*
*संत ने पुछा–हुआ क्या?पानी क्यों नहीं पी सक रहे हो?*
*लोग बोले–तीन कुत्ते लड़ते लड़ते उसमें गिर गये थे । बाहर नहीं निकले, मर गये उसी में । अब जिसमें कुत्ते मर गए हों, उसका पानी कौन पिये महात्मा जी ?*
*संत ने कहा — ‘एक काम करो ,उसमें गंगाजल डलवाओ,*
*तो कुएं में गंगाजल भी आठ दस बाल्टी छोड़ दिया गया ।*
*फिर भी समस्या जस की तस !*
*लोग फिर से संत के पास पहुंचे,अब संत ने कहा”*
*भगवान की कथा कराओ”।*
*लोगों ने कहा ••••ठीक है ।*
*कथा हुई , फिर भी समस्या जस की तस*
*लोग फिर संत के पास पहुंचे !*
*अब संत ने कहा*
*उसमें सुगंधित द्रव्य डलवाओ।*
*लोगों ने फिर कहा ••••• हाँ, अवश्य ।*
*सुगंधित द्रव्य डाला गया|*
*नतीजा फिर वही…ढाक के तीन पात*
*लोग फिर संत के पास*
*अब संत खुद चलकर आये ।*
*लोगों ने कहा– महाराज ! वही हालत है, हमने सब करके देख लिया । गंगाजल भी डलवाया, कथा भी करवायी, प्रसाद भी बाँटा और उसमें सुगन्धित पुष्प और बहुत चीजें डालीं; लेकिन महाराज ! हालत वहीं की वहीं ।अब संत आश्चर्यचकित हुए कि अभी भी इनका मन कैसे नहीं बदला।*
*तो संत ने पुछा– कि तुमने और सब तो किया, वे तीन कुत्ते मरे पड़े थे, उन्हें निकाला कि नहीं?*
*लोग बोले — उनके लिए न आपने कहा था न हमने निकाला, बाकी सब किया । वे तो वहीं के वहीं पड़े हैं ।*
*संत बोले — जब तक उन्हें नहीं निकालोगे, इन उपायों का कोई प्रभाव नहीं होगा।*
*👉सही बात यह है कि हमारे आपके जीवन की यह कहानी है । इस शरीर नामक गाँव के अंतःकरण के कुएँ में ये काम-क्रोध ,लोभ-मोह और अहंकार के तीन कुत्ते लड़ते झगड़ते गिर गये हैं । इन्हीं की सारी बदबू है ।
हम उपाय पूछते हैं तो लोग बताते हैं–तीर्थयात्रा कर लो, थोड़ा यह कर लो, थोड़ा पूजा करो, थोड़ा पाठ। सब करते हैं, पर बदबू उन्हीं दुर्गुणों की आती रहती है ।
तो पहले इन्हें निकाल कर बाहर करें तभी जीवन उपयोगी होगा ..
दूसरे लड़कियों को देखो तो कहती हैं।।
“कुत्ता कैसे देख रहा हूँ.? “😠
और ना देखें तो कहती हैं।।
“इतनी सुंदर हूं, कुत्ता देख ही नहीं रहा.! “😳😳😳
अब कुता करे तो क्या करे ।
झुका लेता हूँ अपना सर हर मज़हब के आगे,
पता नहीं किस दुआ में तुझे मेरा होना लिखा हो..
छोटे लोग और छोटे नोट ही मुसीबत में काम आते हे,
मै भी इन्ही मे से एक हूँ व्यवहार बनाए रखे.
Use gairo se bat karte dekha,
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to thodi takleef hui, phir yaad aaya,
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Hum konsa uske apne the…