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तकदीर मेँ ढूंढ रहा था तस्वीर अपनी,

ही मिली तस्वीर, ओकात मिल गई अपनी



काश मेरा घर तेरे घर के करीब होता, 

बात करना ना सही, देखना तो नसीब होता

इतना सितम से पहले सोचा भी नहीं उसने,
मैं सिर्फ दीवाना नहीं.. इंसान भी था

~Be’Bass Kar Diya Tu Ney Mujhey,
Apney Bass Meiin Karke .. ‘


~Kabhi Toota Nahi Mere Dil Se,
Us Ki Yaad Ka Rishta,
Guftagu Jis Se Bhi Ho,
Khayaal Us Ka Hi Rehta Hy .. ‘

Love Marriage ka faida..!!
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Shadi ki Rat Sharmany me time waste Nahi hota


Dil me aane ka rasta to hota hai lekin jane ka nhi
Esliye jab koi dil se jata hai to dil tod kar hi jata hai


सावधान इंडिया देख लो तो,
घर में रखा हुआ नमक भी,
कोकेन लगने लगता है

ख़्वाहिशों की चादर तो कब की तार तार हो चुकी…
देखते हैं वक़्त की रफ़ूगिरी, क्या कमाल करती है|

क्या क्या रंग दिखाती है जिंदगी क्या खूब इक्तेफ़ाक होता है,

प्यार में ऊम्र नही होती पर हर ऊम्र में प्यार होता है.


Ek ajnabi se mujhe itna pyar kyon hai Inkaar karne par chahat ka ikraar kyo hai.
Use pana nahi meri taqdeer mein shayad Phir
har mod pe uska intezar kyon hai.


जिंदगी में कुछ फैसले हम खुद लेते हैं,
और

कुछ हमारी तकदीर।

बस अंतर तो सिर्फ इतना है कि

तकदीर के फैसले हमें पसंद नहीं आते और
हमारे फैसले तकदीर पसंद नहीं करती..!!

सोचता हू इस दिल में एक
कब्रिस्तान बना लू
सारे ख्वाब मर रहे है एक-एक कर


जानवरों के हॉस्पिटल में
अलग ही चक्कर है !

यहां रजिस्टर में
नाम मालिक का लिखा जाता है,
और बीमारी जानवर की !

नाम :- अशोक कुमार !
बीमारी :- पूँछ में सूजन !

लड़की : आज अचानक कैसे याद किया मुझे ?
लड़का : कुछ नहीं रे, बारिश में भीग रहा था कि यूँ ही नाव बना ली,
नाव जैसे ही उल्टी की तो तेरी याद आ गई, इसीलिए फोन किया….
लड़की : फोन रख झोपड़ीके

अकबर : मुझे इस राज्य से 5 मूर्ख ढूंढ कर दिखाओ.!!
बीरबल ने खोज शुरू की.
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एक महीने बाद वापस आये सिर्फ 2 लोगों के साथ।
अकबर ने कहा मैने 5 मूर्ख लाने के लिये कहा था !!
बीरबल ने कहां हुजुर लाया हूँ। पेश करने का मौका दिया जाय..
आदेश मिल गया।
बीरबल ने कहा- हुजुर यह पहला मूर्ख है। मैने इसे बैलगाडी पर बैठ कर भी बैग सर पर ढोते हुए देखा और पूछने पर जवाब मिला के कहीं बैल के उपर ज्यादा लोड
ना हो जाए इसलिये बैग सिर पर ढो रहा हुँ!!
इस हिसाब से यह पहला मूर्ख है!!
दूसरा मूर्ख यह आदमी है जो आप के सामने खडा है. मैने देखा इसके घर के ऊपर छत पर घास निकली थी. अपनी भैंस को छत पर ले जाकर घास खिला रहा था. मैने देखा और पूछा तो जवाब मिला कि घास छत पर जम जाती है तो भैंस को ऊपर ले जाकर घास खिला देता हूँ. हुजुर
जो आदमी अपने घर की छत पर जमी घास को काटकर फेंक नहीं सकता और भैंस को उस छत पर ले जाकर घास खिलाता है, तो उससे बडा मूर्ख और कौन हो सकता है!!!
तीसरा मूर्ख: बीरबल ने आगे कहा. जहाँपनाह अपने राज्य मे इतना काम है. पूरी नीति मुझे सम्हालना है. फिर भी मै मूर्खों को ढूढने में एक महीना बर्बाद कर रहा हूॅ इसलिये तीसरा मूर्ख मै
ही हूँ.
चौथा मूर्ख.. जहाँपनाह. पूरे राज्य की जिम्मेदारी आप के ऊपर है.
दिमाग वालों से ही सारा काम होने वाला है. मूर्खों से कुछ होने वाला नहीं है. फिर भी आप मूर्खों को ढूढ रहे हैं. इस लिये चौथा मूर्ख जहाँपनाह आप हुए।
पांचवा मूर्ख…जहाँ पनाह मै बताना चाहता हूँ कि दुनिया भर के काम धाम को छोड़कर. घर परिवार को छोड़कर. पढाई लिखाई पर ध्यान ना देकर, Facebook पर पूरा ध्यान लगा कर और पाँचवें मूर्ख को जानने के लिए अब भी पोस्ट पढ़ रहा है वही पाँचवा मूर्ख है
इससे बडा मुर्ख दुनिया में कोई नहीं
अब क्या सोच रहे हो ?
आगे Share karo और मुर्ख
इन्तजार कर रहे होंगे !!!!!!