जन्नत का हर लम्हा दीदार किया था,
माँ तूने गोद मे उठा कर जब प्यार किया था.
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कैसे गुजर रही है सभी पूछते तो हैं,
कैसे गुजारता हूँ कोई पुछता नहीं…
-Koii Toh Aiisa Ho
Jo Siirf Mera Ho .. ‘
“सूखे हुए दरिया से इक नाव लगी कहने,
अपना भी जाने अब किस बात से रिश्ता है
अब्दुल की फेसबुक पर एक लड़की से दोस्ती हो गयी। अब्दुल ने उसे इम्प्रेस करने के लिये लिखा ..,
“चौदहवीं का चांद हो या आफताब हो”.. 😍
थोड़ी देर में लड़की का जवाब आ गया, 🤠
आफताब ही हूँ अब्दुल भाई, फेक आईडी बनाई थी, फिर भी आपने पहचान लिया.
मोदी जी के सैनिकों को खुली छूट के जवाब में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी अपने सैनिकों को खुली छूट दी, और बोला
.
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जिधर भी रास्ता मिले उधर छुप जाओ,
लोग भी बड़े अजीब होते है,
गलत साबित होने से पहले माफ़ी नहीं मांगते, बल्कि तालुक तोड़ देते है…
एक ladki हमसे बोली की तुम इतने
भी khubsurat
नहीँ……
हमने कहा _ Baby खुबसुरत तो
लडकीया होती
हेँ…. _ Hum तो kaminae ही
Achhe लगते हे…..
-Sun Kar Tamaam Raat Merii Dastaan’E-Gum,
Bole To Sirf Ye Ki Bohot Boltii Ho Tum .. ‘
आज सुबह सुबह थोड़ा सा आध्यात्मिक
हो गया
..
और आंखें बंद करके सोचने लगा: 😊
कौन हूँ मैं?
कहाँ से आया हूँ?
क्यों आया हूँ?
..
तभी किचन से आवाज़ आई-
एक नम्बर के आलसी हो तुम,
..
पता नहीं कौन सी दुनिया से मेरा
वक्त खराब करने यहाँ आये हो,
..
उठो और नहाके काम पर जाओ.
..
मेरे तीनों प्रश्नों का बिन मांगे उत्तर मिलने से
मुझे संपूर्ण ज्ञान की प्राप्ति हो गई.
बीवी से परेशान पति बॉलकनी
से कूदने ही वाला था कि तभी
उसकी बीवी ने अंदरसे आवाज दी…
मेरी सहेलियां आई हैं आओ
आपकी पहचान करा दूं,…..
पति- आंसू पोछते हुए , हाँ-हाँ आया…. आया…. आया
कहता है इबादत करता हूँ
पर दिल की जगह जुबा से काम लेता हूँ
अगर ये चाहा होता की तू मुझे ही मिले तो शायद ये खुदगर्जी होती……
हमने इसीलिए सिर्फ ये चाहा की तू उसे मिले जिसे तू अपने दिलोजान से चाहे………
हमारा क्या है…….हम तो तुम्हे देखकर ही बहुत खुश है…….
लेकिन आंको में पानी ही पानी है ओर दिल में थोडा दर्द तो थोडा सुकून है……….
😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢
सादगी अगर हो लफ्जो मे, यकीन मानो,
प्यार बेपनाह,और दोस्त बेमिसाल मिल ही जाते हैं !!
Duriyon Ki Na parwah Kijiye,
Dil Jab Bhi Pukare Hume Bula Lijiye,
Hum Zyada Dur Nahi Aapse,
Bas Apni Aankho Ko Palko Se Mila Lijiye.
Ek dil mere dil ko Zakhm de gaya,
Zindagi bhar jeene ki kasam de gaya,
Lakho phoolon me se ek phool chuna hmne,
Jo kaanto se gehri chubhan de gaya.