वक़्त भी लेता है करवटे ना जाने क्या क्या …
उमर इतनी तो नही थी जितने सबक सीख लिये हमने



मेरा कुछ ना ऊखाड सकोगे तुम मुझसे दुश्मनी करके….
मुझे बर्बाद करना चाहते हो तो,मुझसे मोहब्बत कर लो

मुझे मालूम था कि वो रास्ते कभी मेरी मंजिल तक नहीं जाते थे ..
फिर भीमैं चलता रहा क्यूँ कि उस राह में कुछ अपनों के घर भी आते थे

खेलने दो उन्हें जब तक जी न भर जाए उनका.,…,
मोहब्बत 4 दिन की थी तो शौक कितने दिन का होगा…….?


यही सोच कर उसकी हर बात को सच मानते थे,
के इतने खुबसूरत होंठ झूठ कैसे बोलेंगे.

तेरी तो फितरत थी सबसे मोहब्बत करने की.
हम तो बेवजह खुद को खुशनसीब समझने लगे


जिन्दगी में सताने वाले भी अपने थे,
और दफनाने वाले भी अपने थे.


अब इतना भी सादगी का ज़माना नहीं रहा …!!
क़े तुम वक़्त गुज़ारो और, हम प्यार समझें,

Ek Baar Dard_e_Dil khatam kar Dey…….
Ay Mohobaat
Halaf dety HAin Dobara Muhabbat Nahi karain Gay,,,
.

Band muthhi se girti hui rait ki manind …
Bhula dia na tum ne mujhe zarra zarra kr k


Gham_e_khas perr kabhi chup rhy …
Kabhi rO diy gham_e_aam per …!!!


Aisa Lagta Hai Narazgi Baaqi Hai Abhi…
Haath Thama Hai Magar us Ne Dabaya to Nahi…


Taseer e mohabat kis ko kehte hain..
Tera majboor kar dena mera majboor ho jana