मेरे बारे में अपनी सोच को थोड़ा बदलकर देख,
मुझसे भी बुरे है लोग तू घर से निकलकर तो देख



अपना परिचय अगर खुद देना पड़े,
तो समझ लीजिये कि सफलता अभी दूर है..!

माना की मरने वालों को भुला देतें है सभी. . .
मुझे जिंदा भूलकर उसने कहावत ही बदल दी

बहुत सौचकर आज खुद से ये सवाल किया मैने, . . ऐसा क्या है मुझमे के लोग मुझसे वफा नही करते… .


*वो इश्क वो ख्वाब, वो वादे और जाने कहाँ गुम हो गए ॥।
कल तक तो सिर्फ हम थे और आज मैं और तुम हो गए ॥॥

उन्हें वहम है कि बस मुँह फेरकर भुला पाएँगे हमें ….
कोई समझाए कि आँखें मूँदने से रात नहीं हुआ करती …..!!


वास्ता हमसे, पहले से ही वो, कम रखते हैं…
वो हम ही हैं, जो मोहब्बत का भ्रम रखते हैं….!!!


ख्वाहिश नहीं मुझे मशहूर होने की।
आप मुझे पहचानते हो बस इतना ही काफी

कहा था ना मैने “सोच लो तुम”
जिन्दगी भर रिश्ते निभाना आसान नहीं होता..

अब हर कोई हमें आपका आशिक़ कह के बुलाता है
इश्क़ नहीं न सही मुझे मेरा वजूद तो वापिस कीजिए ।


नींद तो बचपन में आती थी
अब तो mobile को rest देने के लिए सो जाते हैं


इतनी उदास न हो, ऐ जिन्दगी खोते वही हैं,
जो कुछ पाने की तमन्ना रखते हैं.

”ना जाने क्यों वो फिर भी इतना प्यार करती है मुझसे…
”’मैंने तो कभी माँ को गुलाब का फूल नहीं दिया..


सारी उम्र बस एक ही सबक* याद रखना,
दोस्ती और “दुवा”* में बस नियत साफ़ रखना.

बदल रही हे जिंदगी, बदल रहे हे अन्दाज जीने के…
बदल रहे हे लोग, खंजर छुपाये बेठे है अपने भी अपने सीने मे

कौन कहता है कि मुसाफिर ज़ख़्मी नहीं होते,
रास्ते गवाह है बस गवाही नहीं देते.