जैसा भी हूँ अच्छा या बुरा अपने लिये हूँ,
मै खुद को नहीं देखता औरो की नजर से !!



गुज़र रहा हूँ तेरे शहर से
क्या कहूँ क्या गुज़र रही है.

जब दो लोगों के बीच तीसरा इंसान आ जाता है….
तो दूरियां अपने आप बढ़ जाती हैं !!!!


सांपो के मुक्कदर में.. वो जहर कहाँ, जो आजकल इन्सान सिर्फ बातों मे ही उगलतें है।

सहजता से निभ सके वे ही रिश्ते सुखद है
जिन्हें निभाना पड़े वो रिश्ते नहीं दुनियादारी है !!


सहजता से निभ सके वे ही रिश्ते सुखद है
जिन्हें निभाना पड़े वो रिश्ते नहीं दुनियादारी है !!
🌺💐🙏 *शुप्रभात* 🙏💐🌺
*रिंकू बन्ना ठिकाणा नादाना*


जब सुकून नही मिलता दिखावे की बस्ती में…
तब खो जाता हूँ मेरे महाकाल की मस्ती में…

Jindagi uhi gujar jati hai kisike intejar me,
kyo chhod jate hai wada karke pyar me.

क्यों पहनती हो चूड़ी, क्यों पहनती हो कंगना,*

*सजने का ही शोक है तो फिर बना लो न सजना .😀


दुनिया मैं हर कोई एक दूसरे सें जल रहा है..!
फिर भी कम्बख़्त इतनी ठण्ड क्यों पड़ रही है..!!


Ek sukun or ek tum
Pta nhi Kahn gum ho jate ho


परेशानी का कोई पैमाना नही होता साहब| मै तो ये सोचकर भी परेशान हो जाती हूँ
कि कमिटी(committee) की स्पेलिंग में m,t और e तीनो डबल डबल क्यूँ है

बाहुबली की हत्या देखकर भयभीत हुआ बालक…
बोला… ‘छुट्टियों में नहीं जाऊंगा मामा के घर’

लम्हों की दौलत से दोनों ही महरूम रहे,
मुझे चुराना न आया, तुम्हें कमाना न आया।