मन्नै आशकी मैं बारां लाइन की शायरी पेली थी ,
तन्नै hmmm जवाब देकै जणो गोब्बर कर दिया .
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मन्नै आशकी मैं बारां लाइन की शायरी पेली थी ,
तन्नै hmmm जवाब देकै जणो गोब्बर कर दिया .
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छोटे छोटे चैक की लाल बुरशट , डार्क गरे पन्ट , पीटर इंग्लैंड की जर्सी , रेड चीफ के काले जूत्ते , क्लीन शेव , सुथरे पठे बाह क आज घर त लिकड़ा था डयूटी प। पर कोइसी भाईरोई न, ना त देख्या अर ना भाव दिए
फेर मन्ने सोच्या के कमी रह गी र
भीतर त आवाज आई दिल्ली म आ रया स खागड आड़े सकल भी भुंडी होणि चईये
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थाने का मुन्शी :- भाई एक बात बता , लुगाई तेरे पड़ोसी की खो गई अर रिपोट लिखाण तूं आया , कोए चक्कर है के तेरा उसकी लुगाई के सांथ,
भाई :- कोए चक्कर ना जनाब ! पर मेरे पै साले की खुशी ना देखी जारी , तीन दिन होगे- रोज पार्टी पे पार्टी कर रया है सुसरा.
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काल मैं बस में सफर करु था..
मेरे साइड आली सीट प एक छोरा अर छोरी बैठे थे।
दोनों एक दूसरे ताइं अजनबी थे।
थोड़े टेम बाद वे आपस में बात करण लाग्गे।
बातचीत उस मुकाम तक पहुँचगी जीत मोबाइल नंबर का आदान प्रदान होया करे
छोरे का फोन बेरा ना क्यूं ऑफ था।
फेर छोरे ने अपनी जेब म त एक कागज लिकाड़ा, लेकिन लिखने के लिए उसपे पेन कोनी था।
अर मैं जब्बे समझ गया कि, उसने मोबाइल नंबर लिखण ताई पेन की जरूत स।
उसने बड़ी आशा से मेरी कहन देख्या।
मैंने अपनी शर्ट के ऊपरी जेब में टांग्या होड पेन लिकाडा
अर चालती बस त बाहर फेंक दिया।
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“…ना खाऊँगा, ना खाण दूँगा..।।”
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किसै नै चाहिए हो तो बता दियो, कदै बाद म्ह उल्हाणा दयो 😂
1 साल चाल्या 2017 का कैलेंडर, 70 का लिया था 30 म्ह दे दूगा
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इब या किसनै फैलाई…
कोहली ब्याह मै बाज्या आल्या के रपिये मार गया
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भीरे की तूड़े आली बुग्गी पल्टगी … गुमसुम परेशान बुग्गी के चारो कान्नि चकरी काटै था …
जब्बे उसका डब्बी शामा बी मोटरसैकल पै शहर तै आवै था … बोल्या रै भीरे याके बणी …
भीरा बोल्या पूच्छै ना भाई … आज बाब्बू मारैगा …
बोल्या हट मेरे यार या तो होंदी जांदी रैं पल्टगी सुसरी पल्टगी बंदे ल्याकै सीधी करवा ल्यांगे … अर तुड़ा बी ढो द्यांगे टैंशन मतना करै …
भीरा बोल्या भाई कुच्छे करले बाब्बू तो मन्नै मारैगा …
बोल्या यार तूं तो घणा ए डर ग्या … लै शहर तै बोतल ल्याया था ढक्कण खोल कै मार दो घूंट मूं लाकै … सब ठीक हो जागा …
भीरा फेर … ना भाई बाब्बू मारैगा …
शामे नै हांगे तै उस्तै थोड़ी प्या दी ..
भीर उल्टे हाथ तै मूं साफ करदा बोल्या … भाई मानजा बाब्बू मारैगा …
शामा छौह मैं आ ग्या … हद ऐ यार चाल मैं बात करूं तेरे बाब्बू गैल्यां … है कित ताऊ …
भीरा पल्टी होड़ बुग्गी कन्नी देखकै बोल्या … तूड़े के निच्चै दब रया है …
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एक बुढे कै चार-पाँच छोरे,
बुढा मरणासन हो रया, आर वे पाँचु मेरे बटे
सकिम भिडाण लाग रे,
एक बोल्या ‘ रै बाबु मरेगा’
दुसरा बोल्या ‘हाँ भाई मरणन तै होए
रहया स’
तीसरा बोल्या ‘भाई गाँम कि च्याणी त
दुर पडेँगी इतणी दुर नही चालेगा, न्यु
कर ल्यागे ट्रेक्टर म ले चालागे।’
पहलडा बोल्या ‘आछ्या 100 रपये
लेगा ट्रेकटर आला’
दुसरा बोल्या ‘रे बुगी म ले चालागे’
एक बोल्या ‘तेरा झकोई 70
लेगा बुगी आला भी’
चौथा बोल्या ‘रे न्यु कर लियो साईकल क
गेल न सिढी बांध क उसप लुटा लियो’
इब बुढा खाट म पडया पडया सुणन
लाग रया था, उसन देख लिया तेरी खराब
माटी करैगे, कोए कोए साँस आवै था, उसने
जोड के साँस आर मार कै हँगा, होकै
बैठया बोल्या ‘रे मैरी जुती दे दयो, मैँ पैदल
ए डिगर ज्यांगा’
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नब्बे दिन छुटके नब्बे दिन नवम्बर दिसम्बर जनवरी … नहाना मतलब मौत को दावत देना …
फरवरी … एक महीना ऐसे ही इंतजार करो क्योंकि अचानक पानी उपर डालोगे तो गरम सरद हो सकता है ….
सिर्फ होली से बचो तो मार्च भी निकल जाएगा … सुसरे गीले पानी से बच के …
अप्रेल में थोड़ा सैंट छिड़क लो … लोगों का ऐसे ही ऐप्रेल फूल बना रहेगा … बइ बंदा खुश्बुएं फेंक रहा तो नहाया होगा … मई थोड़ा उपर नीचे करके निकाल दो …
जून जुलाई अगस्त … पसीना ही इतना आता है कि बंदा वैसे ही नहाया रहता है … सितम्बर मौसम बदलता है डाक्टर भी बोलते हैं नहाना मत …
बचा एक अक्तुबर तो यार एक महिना अपने दम से निकालो … यां सब मैं ही सिखाऊं …
नब्बे दिन छुटके बस्स्स् नब्बे दिन ….
आग्गै मरजी है तेरी आखिर गात है तेरा …
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एक बंदे नै मीट की दुकान खोली अर बाहर बोरड पै लिख दिया ….
यंहा बकरे का ताजा मीट मिलता है
एक आया बोल्या … भाई आसपास और बी मीट की दुकान है के … ?
कसाई बोल्या … नां तो …
बोल्या फेर यंहा क्यों लिख रख्या वातो दिक्खण लग रया …
कसाई नै यंहा मिटा दिया … रै ग्या बकरे का ताजा मीट मिलता है
फेर एक आया … मुर्गा मच्छी बी बेचे करै के
… ना भाई
फेर बकरे का क्यों लिख राख्या … वा तो दिक्खणे लाग रया
बकरे का मेट दिया … रै ग्या ताजा मीट मिलता है
एक और आया … बासी मीट बी बेच्चे करै तीन चार दिनां का
बोल्या ना रै भाई
फेर ताजा क्यों लिख राख्या … लोग शक करैंगे
ताजा हटा दिया रै ग्या … मीट मिलता है
एक और हस्ती आई … भाई दाल सब्जी बी बेचे करै ?
ना यार दिखता नाके
फेर मीट मिलता है क्यों लिख राख्या … लोग आंधे हैं के
पूरे बोरड पैए पोच्छा मारकै बैठ ग्या
फेर एक महान शख्श आया अर बोल्या … भाई इतनी बड़ी दुकान खोल कै बैठ ग्या … बोरड बी है इसपै इतना ना लिख सकता …
यंहा पर बकरे का ताजा मीट मिलता है … 😏😏😏
कसाई नै बकरे का सींग बगाकै मारया साले कै
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एक बरात किराए पै लिए हवाई जाहज मैं मुम्बई जा थी …
एलियनस नै वा जाहज हाईजैक करकै प्लूटो ग्रह पै रख दिया …
जंहा जाड्डे का राज … माइनस साढे चार सौ डिगरी पै राज कर रया … कोए जीव तो के घास बी ना उगण दे था अगला …
औढ़े जहाज तै उतर कै स्लिवलैस सूट पैहरी छोरियां रुक्के देण लाग्गी … कम ऑन गर्लस लैटस डांस .. पर या डी जे कित सै …
जाड्डा बोरिया बिस्तर बांध कै राम जी धौरै चल्या गया बोल्या … प्रभू मेरा इस्तिफा स्वीकार करिए अब मेरे अंदर वो पहले जैसी बात नही रही …
राम जी बोल्ले … भाई तूं ड्युटी कर अपणी … ये छोरी हरियाणे की हैं इनका जाड्डा कुछ ना बिगाड़ सकता ये वरदान मेराए दिया होड़ सै
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बालकपण मैं अपणे खिलौणे तेरे घरां भूल आया करदा जो तन्नै पसंद आए करदे …
स्कूल मैं तेरा बी बस्ता तेरे घर तक ठाकै ल्याए करदा …
कालेज मैं तेरी हर प्रोजैक्ट मैं दिन रात एक कर दिया करदा …
नौकरी ना करी खेती करण लाग ग्या अक तेरे तै दूर ना जांऊ …
तन्नै तो बैरण बी ना कैह सकदा बैरण … छौड़ तो गई … पर एकबै तो कैह देंदी अक वा सब मेरा पागलपण था … अर वा प्यार ना प्यार के नाम पै गुलामी थी .
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क्या आप जानते हैं … ?
कई मछलियां अंडे नही बच्चे देती हैं …
हाथी ढलान की तरफ तेज नही दौड़ सकता …
आप अपनी जीभ नीचे के दांतो से टच करके गर्लफ्रैंड नही बोल सकते …
बंदर कभी भी अप ……………. तूं गर्लफ्रैंड बोल ले प्हल्यां मैं तो ज्ञान बाद मैं बी दे ल्यूंगा
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एक महिला पंजाबी मे बोलते हुऐ एक हरियाणवी की किराना दुकान पर चाय पत्ती खरीदने गई .
महिला – लिपटण दी चाह है?
हरियाणवी दुकानदार – मन्ने तो ना है….तन्ने है तो लिपट जा .
😂😂😂
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देश बदल रहा है गुजरात चुनाव दो घंटे म्ह 11% वोटिंग ~
दुल्हा – दुल्हन नै भी पहल्यां वोट का अधिकार जरुरी समझा, शादी की रस्म बाद म्ह
वहीं 98 साल का बुजुर्ग भी जाड्डा म्ह शुरू कै एक घंटे म्ह बोट डाल कै घर जा लिया
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एक डाब्बे पै छोटू चाय लेकै आया अर आंगली चाय के गिलास मैं डुबो रया था …
गाहक छोह मैं आ गया … अरै यो के है रै …
छोटू बोल्या … जी हमरा उंगली में चोट लगा था दर्द कर रहा था इसलिए गरम चाय में डुबो दिए आराम मिलता है …
गाहक का पारा हाई हो ग्या … साले अराम तांई मेरिए चाय पाई थी … आंगली अपणे चुतड़ां मैं दे लेंदा …
छोटू भोलेपण तै बोल्या … जी बाऊ जी वंही दिए थे पर आपका चाए लाणे के लिए निकालना पड़ा
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