कल जिनकी खातिर तोड दी थी हमने सारी हदे
आज उन्होने ही कह दिया जरा हद मे रहा करो
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ऐ खुदा !!!
मुसिबत मे डाल दे मुझको
क्योकि
किसी ने बुरे वक्त मे
आने का वादा किया है
बादशास की गली मे आकर कभी पता नही पूछा करते
.
गुलामो के झुके हुए सर खुदबखुद रास्ता बता देते है
असल मे वही जीवन की चाल समझता है
जो सफर की धुल को भी गुलाल समझता है
दिलों की बात करता है ज़माना
.
पर मोहब्बत आज भी चेहरे से शुरू होती है.
ताल्लुक अगर हो तो रूह से रूह का होना चाहिए
दिल तो अक्सर एक – दुसरे से भर जाया करते है
तुम रख ना सकोगे मेरा तोहफा सभालकर
वरना
मै तुमको अभी दे दु अपने जिस्म से रूह निकाल कर
शमा जलती है जिस आग मे नुमाईश के लिए
हम उसी आग मे गुमनाम से जल जाते है
जब भी आता है मेरा नाम तेरे नाम के साथ
जाने क्यो लोग मेरे नाम से जल जाते है
मेरे लफ्जो से मत कर मेरे किरदार का फैसला
.
तेरा वजूद मिट जाएगा मेरी हकीकत ढुढते ढुढते ණ™
कभी फुलो की तरह मत जीना
जिस दिन खिलोगे
टूट कर बिखर जाओगे
.
जीना है पत्थर की तरह जीयो
जिस दिन तराशे गए
“खुदा” बन जाओगे
पतंग सी हैं जिंदगी, कहाँ तक जाएगी..!
रात हो या उम्र, एक ना एक दिन कट ही जाएगी.
जिँदगी से हम अपनी कुछ भी उधार नही लेते
.
कफन भी लेते है तो अपनी जिँदगी देकर
ज़िंदगी भर मौत के लिए दुआ करते रहे खुद से..
और जब जीना चाहा तो दुआ क़बूल हो गई…!!
ज़िंदगी भर मौत के लिए दुआ करते रहे खुद से..
और जब जीना चाहा तो दुआ क़बूल हो गई…!!
दर्द कहां मोहताज़ होता है शब्दों का
बस दो आंसू ही काफ़ी है,
बयां करने को…..!!
किसी को भूलने की कोशिश ना करना कभी,
ये दवा जख्मो को और भी हरा कर देती है…!!