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इंसानो की दुनिया मे बस यही तो रोना है, 

जज्बात अपने है तो जज्बात, 

दुसरे के हो तो खिलौना है



ये इशक भी क्या चीज है गालिब!
एक वो है जो धोखा दिए जा रहे है और
एक हम है जो मौका दिए जा रहे है

तकदीर मेँ ढूंढ रहा था तस्वीर अपनी,

ही मिली तस्वीर, ओकात मिल गई अपनी

क्या करामात है कुदरत का 

जिन्दा इँसान पानी मे डुब जाता है 

और मुर्दा तैर के दिखाता है


मौत को देखा तो नही पर शायद वो बहुत खूबसूरत होगी,

कम्बख्त जो भी उस्से मिलता है जीना छोड देता है

मौत को देखा तो नही पर शायद वो बहुत खूबसूरत होगी,

कम्बख्त जो भी उस्से मिलता है जीना छोड देता है


खुद को बिखरने मत देना कभी किसी हाल मे, 

लोग गिरे हुए मकान की ईटेँ तक ले जाते है


उसे किस्मत समझ कर गले से लगाया था हमने,
पर भूल गए थे हम किस्मत बदलते देर नही लगती

जाने क्यो लोग हमसे दुशमनी करने के बाद,
अपनी जिन्दगी से नफरत करने लगते है

शायरी शौक नही, और नाही कारोबार है मेरा,
बस दर्द जब सह नही पाता, तो लिख देता हूँ


हम जिस्म को नही रूह को
वश मे करने का शोक रखते है


इंसान के जिस्म का सबसे खूबसूरत हिस्सा “दिल” है और अगर
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वोही साफ़ ना हो तो चमकता “चेहरा” किसी काम का नहीं..!!

सुना है प्यार मे लोग अकसर,
अपनी औकात से बडा काम कर जाते है


पत्थर समझ कर हमे मत ठुकराओ
कल हम मंदिर मे भी हो सकते है

वक़्त और हालात के हिसाब से बदल लिया है खुद को,
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वरना
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दुश्मन तो हमारी जूते के निशान देख के खौफ खा जाते है…!!

अब मत करो हमसे तुम मोहब्बत की बातें,
जिन किताबों से, तुमने मोहब्बत सीखी है.
वो लिखी भी हमने ही थी….!!