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मुझको खो दोगे तो पछताओगे बहुत …!

ये आखरी गलती तुम बहुत सोच-समझ कर करना …!!



मेरे साथ बिताए लम्हो की याद जरा सम्भाल कर रखना
.
क्योकि हम याद तो आएगे मगर लौटकर नही

मेरे साथ बिताए लम्हो की याद जरा सम्भाल कर रखना
.
क्योकि हम याद तो आएगे मगर लौटकर नही

हम ये नही चाहते कि कोई आपके लिए दुआ ना मांगे
.
हम तो बस इतना चाहते है कि
कोई दुआ मे आपको ना मांगे


ना रईस हूँ ना अमीर हूँ,
ना मै बादशाह ना मै वजीर हूँ,
आप सभी का प्यार है मेरी सल्तनत,
उसी सल्तनत का मै फकीर हूँ . . .

तख्तो-ताज की चिँता तो बादशाहो को होती है
.
हम तो अपनी रियासते अपने साथ लेकर घुमते है


इतनी चाहत से ना देखा कीजिए महफिल मे आप
.
आप के शाहर वालो से दुशमनी बढ जाएगी


चलो मान लेता हुँ कि मुझे महोब्बत करनी नही आती
.
पर यह तो बता तुझे दिल तोडना किसने सिखाया

महोब्बत भी अजीब चीज बनाई खुदा तुने !
तेरे ही मंदिर मे,
तेरी ही मस्जिद मे,
तेरे ही बंदे,
तेरे साहमने रोते है,
तुझे नही, किसी और को पाने के लिए

तेरे दीदार के तालाश आते है तेरी गलियो मे
.
वरना आवारगी के लिए पूरा शहर पडा है


जो आप से दिल से बात करता हो
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उसे कभी दिमाग से जवाब मत देना


वो कर रहे थे महफिल मे जिक्र अपनी वफा का
.
नजर मुझ पर पडी तो बात ही पलट दी

बदलना चाहते हो तो शौक से बदलो
पर याद रखना
जब हम बदलेगे तो
तुम करवटे बदलते रह जाओगे


काश कि कयामत के दिन हिसाब हो सब बेबफाओँ का ,

और वो मुझसे लिपट कर कहे कि,मेरा नाम मत लेना …!!

नही है मेरे पास दोलत का ढेर,
.
पर प्यार से पूरी दुनिया खरीदने की औकात रखता हूँ

मै नही जानता मै क्यो लिखता हूँ,
बस ये खाली कागज मुझसे देखे नही जाते