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Zomato डिलीवरी बॉय:- सा’ब ये ठीक नहीं है.. 😏

ग्राहक:- क्या ठीक नहीं है ? 🤨

Zomato डिलीवरी बॉय:- आप मंगलवार को नॉनवेज
क्युं ऑर्डर करतें हो.. मैं मंगलवार को नॉनवेज नहीं खाता!



*चुनाव में जो 1 महीने से युवानेता बन के घुम रहे थे* ,

*आज उनको मैंने 3 खाने का टिफिन लेकर काम पर जाते हुए देखा !*

सर्दियों के मौसम में किसी के पास से रोजाना परफ्यूम की एक्स्ट्रा खुशबू आए,

तो समझ लेना कि बन्दे का पानी से दूर दूर तक कोई सम्बंध नही है।😂

काजोल ‘तेल -साबुन’ बेचकर पैसे कमाती है,
और अजय देवगन…

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उन पैसों की “विमल” खाकर थूक देता है…!!!
कैसे चलेगा घर…???


घर में छोटी सी पार्टी थी,

मैं सब्जी लेने गया और जैसे ही सब्जीवाले से बोला
भैय्या 15 किलो आलू दे दो
उसने बड़ी उम्मीद से मेरी तरफ देखा
और पूछा ..
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*मशीन आ गई का ?*

गब्बर की ना बीवी थी, ना बच्चे थे,ना कोई गर्लफ्रेंड…
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फिर लूटपाट किसके लिए करता था..???
बड़ा कन्फ्यूज़ हूँ मैं..!!!


Green tea 🍵 से आपका वज़न तभी कम होगा
जब आप ख़ुद पहाड़ पर इसके पत्ते तोड़ने जाओगे
बाकी सब वहम है..


अब तो राहुल गाँधी ने भी परफॉर्म करना शुरू कर दिया
ये KL राहुल कब सुधरेगा 😄

मैच हारने पर कोहली का बड़ा बयान…

तीन राज्य गँवाने के बाद हमारा मनोबल गिर चुका था

बेकार ही कहते हैं लोग…

कि,
पत्नियाँ कभी अपनी गलती नहीं मानती…

मेरी वाली तो,
रोज मानती हैं…

गलती हो गई तुमसे शादी कर के…


नर्स— मुबारक हो,लड़का हुआ है 👶
कोई नाम सोचा है इसका ??

लेडी — विकास 📈💹

नर्स— ये नाम आपको काफी पसंद है क्या ??

लेडी— ऐसा कुछ नही है,

मेरे पति बाहर काम करते है ,

साल भर से आए नही

फिर भी मोहल्ले वालों ने पूरा साथ दिया

नर्स— मतलब?

लेडी— मतलब, सबका साथ, सबका विकास


समय अच्छा’ हो तो आपकी
गलती भी मजाक लगती है,

और

समय खराब हो तो आपकी मजाक भी गलती बन जाती है !!”

झुको उतना जितना सही हो.
बेवजह झुकना दूसरों के अहम् को बढ़ावा देता है

माल्या भी कह रहा है भारत आकर सीधे
राजस्थान जाऊँगा सुना है कर्जा माफ हो रहा है।


अर्ज़ किया हैं…..
गौर फरमाइयेगा…….

दुनिया मे आये हो तो,
कुछ ऐसा कर जाओ काम।

जिस गली में से गुज़रो,
हर बच्चा बोले,

अब्बू जान, अब्बू जान

कक्षा में मास्टर जी ने पूछा-

“बच्चों, बताओ तो भारत के राष्ट्रीय ध्वज में कितने रंग है ?”

“तीन”। सारे बच्चों के स्वर कक्षा में एक साथ गूंजा।

शोर थमने के बाद एक सहमा-सा बच्चा धीरे धीरे खड़ा होकर विनम्र स्वर में बोला,

“मास्टर जी, पांच”।

सारे बच्चे यह सुन कर हँसने लगे।

मास्टर जी अपने गुस्से को दबाने की कोशिश करते हुए बोले :

“चलिए, आप ही सबको बता दीजिए कौन कौन से पाँच रंग है हमारे तिरंगे में”?

तिरंगे के नाम सुनने के बाद भी बच्चा धीरे धीरे बोलने लगा-“सबसे उपर केसरिया, उसके नीचे सफेद, सबसे नीचे हरा और बीच में एक चक्र जिसका रंग नीला है।”

मास्टर जी ने अपने हाथ दायें-बायें हिलाते हुए हल्के से ऊंची आवाज में पूछा-

“फिर भी तो चार ही हुआ। ये पांचवां रंग कौन सा है?”

मासूम बच्चे ने आंख झुकाए सरलता से उत्तर दिया-“वो है पूरे ध्वज में फैला हुआ लाल-लाल धब्बा, मुझे याद है मास्टर जी, जब मैंने पापा को अंतिम बार देखा था”

घर के आंगन में एक ताबूत के अंदर पापा एक वैसे ही ध्वज को ओढ़ कर सोये हुए थे।”🇮

कक्षा का शोर अचानक थम सा गया।
मास्टर जी का गुस्सा गायब हो चुका था।
गला भर आया था। कुछ बोल नहीं पाये।

सिर्फ हाथ के इशारे से सबको शाँत बैठने को कह कर सर झुकाए कक्षा के बाहर निकल आए
और
भीगी आँखों से आसमान के तरफ़ देखते हुए सोंचने लगे-

“तिरंगे में लगे खून के उन लाल धब्बों को हम कैसे भूल गए?

पत्नी:
२ किलो मटर ले लूँ?

पति: हाँ …ले लो।

पत्नी:
तुम्हारी राय नहीं माँग रही, पूछ रही हूँ,

छील लोगे इतने.. या कम लूँ?