देखो ठंड बढ़ रही है..
इसलिए जिंदगी में आग लगाने वाले रिश्तेदार और पड़ोसी ही काम आएंगे,
उन से संबध बनाए रखें
देखो ठंड बढ़ रही है..
इसलिए जिंदगी में आग लगाने वाले रिश्तेदार और पड़ोसी ही काम आएंगे,
उन से संबध बनाए रखें
जब तक सिंगल हूँ
मेरी पोस्ट पढ़ लो…😊
जिस दिन कोई पट गई न…💓
मैंने मैसेंजर में घुस के अंदर से ताला 🔐🗝मार लेना है
खत ले जाने से मना कर दिया कबूतर ने…😒
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बोला मेरा खुद का ब्रेकअप हुआ पड़ा है कबूतरी से
संता : ATM से पैसे निकाल लूँ क्या ??
सेक्यूरिटी गार्ड : हाँ भाई..निकाल ले
संता : पेचकस है क्या?
नरेंद्र मोदी ने कहा- मंदिर पर जब सारे लीगल ऑप्शन खत्म हो जाएंगे तो अध्यादेश लाएंगे।
मीडिया ने खबर लिखा- मंदिर पर अध्यादेश नहीं लाएंगे।
नरेंद्र मोदी ने कहा- कांग्रेस ने कर्जमाफी के नाम पर किसानों को लॉलीपॉप थमाया है।
मीडिया ने लिखा मोदी ने कहा- किसानों की कर्जमाफी लॉलीपॉप है।
“आपने एक नाकाम बिज़नेसमैन अनिल अंबानी को इतनी महत्वपूर्ण डील कैसे दे दी?”- राहुल गांधी
भाई ये भारत है, यहाँ 35-40 चुनाव हारने वाले लौंडे को राष्ट्रीय पार्टी ने अपना अध्यक्ष मान लिया है..
अनिल अंबानी तो फिर भी ठीक है।
बड़ी खबर :
11 जनवरी को मनमोहन सिंह जी प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे …
आपके अपने सिनेमाघरों में
सुनो रे नालायकों
अगर शायरी पोस्ट करने से लड़कियां
सैट होती ना…
तो” गालिब “का घर, घर नहीं”
गर्ल्स हॉस्टल होता..
दिल 💕 में सबको 👫 आने देता हूं, पर शक ना करना 👱 तू,
जहाँ बस्ती हे, वहाँ किसी को जाने नही 😊 देता..i
कभी हम भी.. बहुत अमीर हुआ करते थे* *हमारे भी जहाज.. चला करते थे।*
*हवा में.. भी।*
*पानी में.. भी।*
*दो दुर्घटनाएं हुई।*
*सब कुछ.. ख़त्म हो गया।*
*पहली दुर्घटना*
जब क्लास में.. हवाई जहाज उड़ाया।
टीचर के सिर से.. टकराया।
स्कूल से.. निकलने की नौबत आ गई।
बहुत फजीहत हुई।
कसम दिलाई गई।
औऱ जहाज बनाना और.. उडाना सब छूट गया।
*दूसरी दुर्घटना*
बारिश के मौसम में, मां ने.. अठन्नी दी।
चाय के लिए.. दूध लाना था।कोई मेहमान आया था।
हमने अठन्नी.. गली की नाली में तैरते.. अपने जहाज में.. बिठा दी।
तैरते जहाज के साथ.. हम शान से.. चल रहे थे।
ठसक के साथ।
खुशी खुशी।
अचानक..
तेज बहाब आया।
और..
जहाज.. डूब गया।
साथ में.. अठन्नी भी डूब गई।
ढूंढे से ना मिली।
मेहमान बिना चाय पीये चले गये।
फिर..
जमकर.. ठुकाई हुई।
घंटे भर.. मुर्गा बनाया गया।
औऱ हमारा.. पानी में जहाज तैराना भी.. बंद हो गया।
आज जब.. प्लेन औऱ क्रूज के सफर की बातें चलती हैं , तो.. उन दिनों की याद दिलाती हैं।
वो भी क्या जमाना था !
और..
आज के जमाने में..
मेरे बेटे ने…
पंद्रह हजार का मोबाइल गुमाया तो..
मां बोली ~ कोई बात नहीं ! पापा..
दूसरा दिला देंगे।
हमें अठन्नी पर.. मिली सजा याद आ गई।
फिर भी आलम यह है कि.. आज भी.. हमारे सर.. मां-बाप के चरणों में.. श्रद्धा से झुकते हैं।
औऱ हमारे बच्चे.. ‘यार पापा ! यार मम्मी !
कहकर.. बात करते हैं।
हम प्रगतिशील से.. प्रगतिवान.. हो गये हैं।
कोई लौटा दे.. मेरे बीते हुए दिन।।
☔🙏
माँ बाप की लाइफ गुजर जाती है *बेटे
की लाइफ बनाने में……*
और बेटा status_ रखता है—
” *My wife is my Life*”
ईस पोस्ट को भेजने की कृपा करे जिससे सबके बचपन की याद की झलकिया आ
चलिये अब एक कथा सुनिये !
एक थे बाबा और बाबा के थे दो चेले !
रात को आराम करते बाबा तो मूर्ख चेले उनके पाँव दबाने के लिये आपस मे झगड़ते ! शोर शराबा होता ! मारपीट की नौबत आ जाती ! रोज का क़िस्सा ! बाबा ने हैरान होकर एक रास्ता निकाला ! दोनों चेलों को अपने एक एक पाँव दबाने की ज़िम्मेदारी सौंपी ! दाँया तेरा और बाँया तेरा !
चेले खुश हुये ! अपनी चतुराई पर प्रसन्न बाबा भाँग का डोज़ लेकर खर्राटो के हवाले हुये ! चेले जुटे अपने अपने हिस्से के पाँव की सेवा मे ! नींद की बात ! बाबा का दाँया पाँव बाँये पर चढ़ बैठा ! यह देख बाँये पैर की ज़िम्मेदारी लिये बैठे चेले की त्यौरियाँ चढ़ी ! दिया एक लट्ठ बाबा के दाँये पैर पर ! यह बात दाँये पैर वाले चेले को बर्दाश्त नही हुई ! उसने बाबा के बाँये पैर पर लट्ठ बजाया ! बाबा चीखे चिल्लाये पर चेले अपने अपने हिस्से के पाँव की रक्षा मे सन्निद्घ थे ! लट्ठ बजते रहे और बाबा दिव्यांगता को प्राप्त हुये !
कथा का उपसंहार ! मूर्ख चेले बाबा की जमीन जायजाद बिकवाये बिना मानेंगे नही !
इतिहास गवाह है कि,
जब जब लड़कियों से
करीबी बढ़ी है,
तब तब लड़कों की ग़रीबी बढ़ी है…!!!
हवा की लहर बनकर..
तू मेरी खिड़की न खट खटा…
मैं बन्द दरवाजे में तूफान
समेटे बैठा हूँ….!!!!
इस कविता में कवि अपनी गर्ल फ्रेंड को संकेत दे रहे है कि वो अपनी पत्नी के साथ बैठे है,
कृपया मिस कॉल ना दे..
मैं पापा से कभी बहस नही करता
क्योकि
पापा थोड़ी देर बाद हाथापाई पे उतर आते है
ठंड बहुत पड़ रही है…
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छत पे “पक्षियों” के लिए “अदरक” वाली चाय जरूर रखें..!
जो ज्यादा कर्ज लेते हैं वो भाग जाते हैं,
जो कम लेते हैं उनका माफ़ कर दिया जाता है !
जो नहीं लेते उनसे दोनों का वसूल किया जाता है !