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भाई लोग…
दिल देना है दान में❤
कोई लड़की है क्या ध्यान में



Khuda Ki Rehmat Mein Arjiyan Nahi Chalti,
Dilon Ke Khel Me Khudgarjiyan Nahi Chalti,
Chal Pare Hai To Ye Jaan Lijiye Huzoor..
Ishq Ki Raah Me Manmarziyan Nahi Chalti..!!

जरा तो शर्म करती तू पगली.
मुहब्ब्त चुप चुप के और नफरत सरे आम.

-Hogii Kiitnii Chahat Usme.
Jo Khud Hi Maan Jayy.
Kuch Pal Naraz Hone Ke Baad .. ‘


~Waffa Par Ab Bhii Qaiim Hoon Meiin,

Lekin Ab Mohabbat Chorr Di Hamne .. ‘

~Lafzo’n Ki Banawat Mujhe Nahi Aatii,
Tumse Pyar Haii Seedhi Si Baat Haii .. ‘


~ बड़ा अजीब सा जहर था
उसकी यादों का सारी उम्र गुजर गयी मरते – मरते .. ^


पति घबराया हुआ घर आया और पत्नी से बोला :-
सुनो, आज मैं आ ही रहा था कि रास्ते में एक कुत्ता…..

इतने में छोटी बेटी बोल पड़ी :- मम्मी, भैया ने मेरी गुड़िया तोड़ दी
पति ने फिर से बोलना शुरु किया :-
हां तो मैं कह रहा था कि रास्ते में एक कुत्ता…

अबकी बार बेटा बोल पड़ा:-
नहीं मम्मी, पहले छुटकी ने मेरी कार तोड़ी…..

पत्नी :- भगवान के लिए तुम दोनों चुप रहो…..
पहले मुझे *”कुत्ते”* की बात सुन लेने दो……

*एक चाहत होती है… अपनों के साथ जीने की, वरना पता तो हमें भी है …कि मरना अकेले ही है!*”
*मित्रता एवं रिश्तेदारी*
*”सम्मान” की नही*
*”भाव” की भूखी होती है…*
*बशर्तें लगाव*
*”दिल” से होना चाहिए*
*”दिमाग” से नही.*

एक सेठ सेठानी में बहस हो गई कि उनके एक मात्र लड़के के लिये गाँव की बहू लाऐं या शहर की.

सेठानी कहती कि गाँव की लाऐंगे क्योंकि वह घर काम संभाल लेगी.

सेठजी कहते कि वे गँवार होती हैं.उन्हे शहर के तौर तरीके नही आते हैं.

आखिर सेठानी कि जिद पर एक गाँव पहुंचे. सेठजी ने कहा बेटी जरा चीकू शेक ले आओ.बेचारी लड़की को कुछ समझ नही आया.वह रसोईघर मे गई. चार चीकू लिये. तवे पर सेका.मसाला डाला और प्लेट मे चीकू सेक🥤 कर ले आई.

सेठ सेठानी इस चीकू शेक को देखते ही रह गए।

अब सेठजी के कहने पर शहर मे लड़की देखने गये.
सेठानी ने नई बहू की परीक्षा लेने के लिए बोला बेटी जरा पापड़ सेक लाओ l

लड़की किचन मे गई. चार पापड़ लिए.मिक्सर मे डाले.पानी मिलाया और गिलास मे भर🥛 कर ले आई और बोली

“लीजिये पापड़ शेक”

छोरा अभी भी कुंवारा ही है


पत्नी: अगर मेरी शादी किसी “राक्षस” से भी हो जाती तो मैं इतनी परेशान नहीं होती जितनी तुम्हारे साथ हूँ !!
Awesome Reply:-
पति: पगली ख़ून के रिश्तों में शादियाँ कहाँ होती है…!!


अटल सत्य:
पढाई और “जिम” हमेशा
कल से “शुरू” होते है।…????
और
सिगरेट और दारू
कल से “बंद”…

धयान से पढ़ना आँखों में पानी आ जाएगा.
बड़े गुस्से से मैं घर से चला आया ..
इतना गुस्सा था की गलती से पापा के ही जूते पहन के निकल गया
मैं आज बस घर छोड़ दूंगा, और तभी लौटूंगा जब बहुत बड़ा आदमी बन जाऊंगा …
जब मोटर साइकिल नहीं दिलवा सकते थे, तो क्यूँ इंजीनियर बनाने के सपने देखतें है …..
आज मैं पापा का पर्स भी उठा लाया था …. जिसे किसी को हाथ तक न लगाने देते थे …
मुझे पता है इस पर्स मैं जरुर पैसो के हिसाब की डायरी होगी ….
पता तो चले कितना माल छुपाया है …..
माँ से भी …
इसीलिए हाथ नहीं लगाने देते किसी को..
जैसे ही मैं कच्चे रास्ते से सड़क पर आया, मुझे लगा जूतों में कुछ चुभ रहा है ….
मैंने जूता निकाल कर देखा …..
मेरी एडी से थोडा सा खून रिस आया था …
जूते की कोई कील निकली हुयी थी, दर्द तो हुआ पर गुस्सा बहुत था ..
और मुझे जाना ही था घर छोड़कर …
जैसे ही कुछ दूर चला ….
मुझे पांवो में गिला गिला लगा, सड़क पर पानी बिखरा पड़ा था ….
पाँव उठा के देखा तो जूते का तला टुटा था …..
जैसे तेसे लंगडाकर बस स्टॉप पहुंचा, पता चला एक घंटे तक कोई बस नहीं थी …..
मैंने सोचा क्यों न पर्स की तलाशी ली जाये ….
मैंने पर्स खोला, एक पर्ची दिखाई दी, लिखा था..
लैपटॉप के लिए 40 हजार उधार लिए
पर लैपटॉप तो घर मैं मेरे पास है ?
दूसरा एक मुड़ा हुआ पन्ना देखा, उसमे उनके ऑफिस की किसी हॉबी डे का लिखा था
उन्होंने हॉबी लिखी अच्छे जूते पहनना ……
ओह….अच्छे जुते पहनना ???
पर उनके जुते तो ………..!!!!
माँ पिछले चार महीने से हर पहली को कहती है नए जुते ले लो …
और वे हर बार कहते “अभी तो 6 महीने जूते और चलेंगे ..”
मैं अब समझा कितने चलेंगे
……तीसरी पर्ची ……….
पुराना स्कूटर दीजिये एक्सचेंज में नयी मोटर साइकिल ले जाइये …
पढ़ते ही दिमाग घूम गया…..
पापा का स्कूटर ………….
ओह्ह्ह्ह
मैं घर की और भागा……..
अब पांवो में वो कील नही चुभ रही थी ….
मैं घर पहुंचा …..
न पापा थे न स्कूटर …………..
ओह्ह्ह नही
मैं समझ गया कहाँ गए ….
मैं दौड़ा …..
और
एजेंसी पर पहुंचा……
पापा वहीँ थे ……………
मैंने उनको गले से लगा लिया, और आंसुओ से उनका कन्धा भिगो दिया ..
…..नहीं…पापा नहीं…….. मुझे नहीं चाहिए मोटर साइकिल…
बस आप नए जुते ले लो और मुझे अब बड़ा आदमी बनना है..
वो भी आपके तरीके से …।।

“माँ” एक ऐसी बैंक है जहाँ आप हर भावना और दुख जमा कर सकते है…
और
“पापा” एक ऐसा क्रेडिट कार्ड है जिनके पास बैलेंस न होते हुए भी हमारे सपने पूरे करने की कोशिश करते है…
Always Love Your Parents


कुछ फैसलो का क्या बताये हाल ।
दूसरो की ख़ुशी की कीमत अपने आंसुओ से चुकानी पड़ती है ।

वो मोहब्बतें जो तुम्हारे दिल में हैं,
उससे जुबां पर लाओ और बयां कर दो,
आज बस तुम कहो और कहते ही जाओ,
हम बस सुनें ऐसे बे-ज़ुबान कर दो !

Dil के दरवाजे पे
एक चौकीदार बेठा है पगली,
जो तेरे अलावा किसी ओर को
घुसने ही नही देता