क्यु नाराज होते हो ,
मेरी इन नादान हरकतों से.
कुछ दिन की जिंदगी है ,
फिर चले जायेंगे ,
तेरी इस दुनिया से..
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क्यु नाराज होते हो ,
मेरी इन नादान हरकतों से.
कुछ दिन की जिंदगी है ,
फिर चले जायेंगे ,
तेरी इस दुनिया से..
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मुझे बहुत प्यारी है,तुम्हारी दी हुई हर एक निशानी…
‘;चाहे वो दिल का दर्द हो,
या…..आँखों का पानी……
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लौट आता मै वापस तेरे पास…
मगर क्या फायदा…??
ना तेरे दिल में मेरे लिए मोहब्बत रही,
ना तुझे मेरी मोहब्बत की ज़रूरत रही..!!
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तुम गए तो फिर कभी सवेरा ही नही हुआ..
कमबख्त रात ही होती रही हर रात के बाद.
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दिल से ज्यादा महफूज कोई जगह नहीं दुनिया में …. मगर सबसे ज्यादा लोग लापता यहीं से होते हैं
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अधूरी मोहब्बत मिली तो नींदें भी रूठ गयी…!
गुमनाम ज़िन्दगी थी तो कितने सकून से सोया करते थे…!!
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उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है!
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है!
दिल टूटकर बिखरता है इस कदर!
जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है!
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कुछ इस तरह खूबसूरत रिश्ते टूट जाया करते हैं,
जब दिल भर जाता है.. तो लोग अक्सर रूठ जाया करते हैं..!!
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Do kadam to sab chal lete hain,
Zindagi bhar ka saath koi nahi nibhata,
Agar ro kar bhulai jati yaadein,
Toh has kar koi gam nahi chupata..
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उनसे मिलने को जो सोचों अब वो ज़माना नहीं,
घर भी कैसे जाऊं अब तो कोई बहाना नहीं,
मुझे याद रखना कहीं तुम भुला न देना,
माना के बरसों से तेरी गली में आना-जाना नहीं।
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ना पूछ मेरे सब्र की इंतेहा कहाँ तक हैं,
तू सितम कर ले, तेरी हसरत जहाँ तक हैं,
वफ़ा की उम्मीद, जिन्हें होगी उन्हें होगी,
हमें तो देखना है, तू बेवफ़ा कहाँ तक हैं..
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मन्जिल से हूँ अन्जान,
बेतुका सा रास्ता है…
खुशियाँ मुँह नही लगाती
गम से अपना गहरा वास्ता है !
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तरस खाओ तो बस ….
इतना बताओ हमदम …..
वफा नहीं आती या
तुमसे की नहीं जाती ….!!
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वो कह गया मेरा इंतजार मत करना…
मै कहूँ तो भी मेरा ऐतबार मत करना…
ये भी कहा उसने प्यार नही मुझे तुमसे….
और यह भी कह गया की किसी और से प्यार मत करना…..
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~ “फिर से मुझे मिट्टी में खेलने दे ऐ
जिन्दगी.. ये साफ़ सुथरी
ज़िन्दगी, उस मिट्टी से ज्यादा
गन्दी है”..!!
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हम तो नरम पत्तों की शाख़ हुआ करते थे.
छीले इतने गए कि “खंज़र ” हो गए…
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