यदि कोई व्यक्ति आपको

ग़ुस्सा दिलाने में कामयाब रहता है

तो…

समझ लीजिए आप

उसके हाथ की कठपुतली हैं…!



दुनिया मे ऐसा कोई व्यवसाय ही नहीं है, जो चले नहीं…

यदि आप साँप बेचने की दुकान खोल लोगे तो भी,
लोग ये सोच कर खरीदेंगे कि
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चलो पड़ोसी के घर में ही छोड़ देंगे..

ध्यान से पढ़ना बहुत कुछ सीखने को मिलेगा
*”वसीयत और नसीहत”*

एक दौलतमंद इंसान ने अपने बेटे को वसीयत देते हुए कहा,

*”बेटा मेरे मरने के बाद मेरे पैरों में ये फटे हुऐ मोज़े (जुराबें) पहना देना, मेरी यह इक्छा जरूर पूरी करना ।*

पिता के मरते ही नहलाने के बाद, बेटे ने पंडितजी से पिता की आखरी इक्छा बताई ।

*पंडितजी ने कहा: हमारे धर्म में कुछ भी पहनाने की इज़ाज़त नही है।*

पर बेटे की ज़िद थी कि पिता की आखरी इक्छ पूरी हो ।

बहस इतनी बढ़ गई की शहर के पंडितों को जमा किया गया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला ।

*इसी माहौल में एक व्यक्ति आया, और आकर बेटे के हाथ में पिता का लिखा हुआ खत दिया, जिस में पिता की नसीहत लिखी थी*

_*”मेरे प्यारे बेटे”*_

*देख रहे हो..? दौलत, बंगला, गाड़ी और बड़ी-बड़ी फैक्ट्री और फॉर्म हाउस के बाद भी, मैं एक फटा हुआ मोजा तक नहीं ले जा सकता ।*

*एक रोज़ तुम्हें भी मृत्यु आएगी, आगाह हो जाओ, तुम्हें भी एक सफ़ेद कपडे में ही जाना पड़ेगा ।*

*लिहाज़ा कोशिश करना,पैसों के लिए किसी को दुःख मत देना, ग़लत तरीक़े से पैसा ना कमाना, धन को धर्म के कार्य में ही लगाना ।*

*सबको यह जानने का हक है कि शरीर छूटने के बाद सिर्फ कर्म ही साथ जाएंगे”। लेकिन फिर भी आदमी तब तक धन के पीछे भागता रहता है जब तक उसका निधन नहीं हो जाता।*

*👉 1) जो आपसे दिल से बात करता है उसे कभी दिमाग से जवाब मत देना।*

*👉 2) एक साल मे 50 मित्र बनाना आम बात है। 50 साल तक एक मित्र से मित्रता निभाना खास बात है।*

*👉 3) एक वक्त था जब हम सोचते थे कि हमारा भी वक्त आएगा और एक ये वक्त है कि हम सोचते हैं कि वो भी क्या वक्त था।*

*👉 4) एक मिनट मे जिन्दगी नहीं बदलती पर एक मिनट सोच कर लिखा फैसला पूरी जिन्दगी बदल देता है।*

*👉 5) आप जीवन में कितने भी ऊॅचे क्यों न उठ जाएं, पर अपनी गरीबी और कठिनाई को कभी मत भूलिए।*

*👉 6) वाणी में भी अजीब शक्ति होती है। कड़वा बोलने वाले का शहद भी नहीं बिकता और मीठा बोलने वाले की मिर्ची भी बिक जाती है।*

*👉 7) जीवन में सबसे बड़ी खुशी उस काम को करने में है जिसे लोग कहते हैं कि तुम नही कर सकते हो।*

*👉 8) इंसान एक दुकान है और जुबान उसका ताला। ताला खुलता है, तभी मालूम होता है कि दुकान सोने की है या कोयले की।*

*👉 9) कामयाब होने के लिए जिन्दगी में कुछ ऐसा काम करो कि लोग आपका नाम Face book पे नही Google पे सर्च करें।*

*👉 10) दुनिया विरोध करे तुम डरो मत, क्योंकि जिस पेङ पर फल लगते है दुनिया उसे ही पत्थर मारती है।*

*👉 11) जीत और हार आपकी सोच पर ही निर्भर है। मान लो तो हार होगी और ठान लो तो जीत होगी।*

*👉 12) दुनिया की सबसे सस्ती चीज है सलाह, एक से मांगो हजारो से मिलती है। सहयोग हजारों से मांगो एक से मिलता है।*

*👉 13) मैने धन से कहा कि तुम एक कागज के टुकड़े हो। धन मुस्कराया और बोला बिल्कुल मैं एक कागज का टुकड़ा हूँ, लेकिन मैने आज तक जिंदगी में कूड़ेदान का मुंह नहीं देखा।*

*👉 14) आंधियों ने लाख बढ़ाया हौसला धूल का, दो बूंद बारिश ने औकात बता दी।*

*👉 15) जब एक रोटी के चार टुकड़े हों और खाने वाले पांच हों, तब मुझे भूख नहीं है, ऐसा कहने वाला कौन है.? सिर्फ “माँ”।*

*👉 16) जब लोग आपकी नकल करने लगें तो समझ लेना चाहिए कि आप जीवन में सफल हो रहे हैं।*

*👉 17) मत फेंक पत्थर पानी में, उसे भी कोई पीता है।*
*मत रहो यूं उदास जिन्दगी में, तुम्हें देखकर भी कोई जीता है*।।
अच्छा लगे तो औरों को भी भेजें

Heart touching story <3
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एक सभ्रांत प्रतीत होने वाली अतीव सुन्दरी ने विमान में प्रवेश किया और अपनी सीट की तलाश में नजरें घुमाईं । उसने देखा कि उसकी सीट एक ऐसे व्यक्ति के बगल में है जो जिसके दोनों ही हाथ नहीं है। महिला को उस अपाहिज व्यक्ति के पास बैठने में झिझक हुई !
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उस 'सुंदर' महिला ने एयरहोस्टेस को कहा कि वह उसके लिए नियत सीट पर सुविधापूर्वक यात्रा नहीं कर पायेगी, क्योंकि साथ की सीट पर एक दोनों हाथ विहीन व्यक्ति बैठा हुआ है | उस सुन्दरी ने एयरहोस्टेस से सीट बदलने हेतु आग्रह किया |
असहज हुई एयरहोस्टेस ने पूछा, "मैम क्या मुझे कारण बता सकती है"?
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'सुंदर' महिला ने जवाब दिया: "मैं ऐसे लोगों को पसंद नहीं करती। मैं ऐसे व्यक्ति के पास बैठकर यात्रा नहीं कर पाउंगी "।
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दिखने में सभ्रांत और विनम्र प्रतीत होने वाली महिला के यह उद्गार सुनकर एयर हॉस्टेज़ अचंभित हो गई । सुन्दरी ने एक बार फिर एयरहोस्टेस से जोर देकर कहा कि मैं उस सीट पर नहीं बैठ सकती और मुझे कोई दूसरी सीट दे दी जाए ।
एयरहोस्टेस ने खाली सीट की तलाश में चारों ओर नजर घुमाई, पर कोई भी सीट खाली नहीं दिखी ।
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एयरहोस्टेस ने महिला से कहा कि "मैडम इस इकोनोमी क्लास में कोई सीट रिक्त नहीं है, किन्तु यात्रियों की सुविधा का ध्यान रखना हमारा दायित्व है, अतः मैं वायुयान के कप्तान से बात करती हूँ, कृपया तब तक थोडा धैर्य रखें "। ऐसा कहकर होस्टेस कप्तान से बात करने चली गई |
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कुछ समय बाद उसने लौट कर महिला को बताया, "महोदया! आपको जो असुविधा हुई, उसके लिए बहुत खेद है | इस पूरे विमान में, केवल एक सीट खाली है और वह प्रथम श्रेणी में है।
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मैंने हमारी टीम से बात की और हमने एक असाधारण निर्णय लिया। एक यात्री को इकोनॉमी क्लास से प्रथम श्रेणी में भेजने का कार्य हमारी कंपनी के इतिहास में पहली बार हो रहा है … "।
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'सुंदर' महिला अत्यंत प्रसन्न हो गई, किन्तु इसके पहले कि वह अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करती और एक शब्द भी बोल पाती …
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एयरहोस्टेस उस अपाहिज और दोनों हाथ विहीन व्यक्ति की ओर बढ़ गई और विनम्रता पूर्वक उनसे पूछा "सर, क्या आप प्रथम श्रेणी में जा सकेंगे ?
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क्योंकि हम नहीं चाहते कि आप एक अशिष्ट यात्री के साथ यात्रा करने की त्रासदी भुगतें । "
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यह सुनकर प्रत्येक यात्री ने ताली बजाकर इस निर्णय का स्वागत किया। वह अतीव सुन्दरी महिला तो अब शर्म से नजरें ही नहीं उठा पा रही थी।
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तब उस अपाहिज व्यक्ति ने खड़े होकर कहा, "मैं एक भूतपूर्व सैनिक हूँ और मैंने एक ऑपरेशन के दौरान कश्मीर सीमा पर हुए बम विस्फोट में अपने दोनों हाथ खोये थे ।
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सबसे पहले, जब मैंने इन देवी जी की चर्चा सुनी,
तब मैं सोच रहा था: मैंने भी किन लोगों की सुरक्षा के लिए अपनी जान जोखिम में डाली और अपने हाथ खोये ?
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लेकिन जब आप सभी की प्रतिक्रिया देखी तो अब अपने आप पर गर्व महसूस हो रहा है कि मैंने अपने देश और देशवासियों की खातिर अपने दोनों हाथ खोये ।
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और इतना कह कर, वह प्रथम श्रेणी में चले गए।
'सुंदर' महिला पूरी तरह से शर्मिंदा होकर सर झुकाए सीट में गढ़ गई।
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उस अतीव सौंदर्य का भी कोई मूल्य नहीं अगर विचारों में उदारता न हो .


इंडिया के न्यूज चैनल V/S T R P

आज एक विधवा भूखी औरत अपने दो भूखे बच्चों के साथ रेलवे लाइन पे पंहुंची … दोनों बच्चों को बांध के उसने रेल की पटरी पे रख दिया … उधर से ट्रेन धड़धड़ाती हुई आ रही थी … इंजन ड्राइवर ने हॉर्न बी बजाया ……..

इसके बाद क्या हुआ … देखते हैं ब्रेक के बाद …

शर्म करो न्युज चैनल वालो … आप लोकतंत्र का चौथा और सबसे मजबूत स्तंभ हो … और आप कर क्या रहे हो … ???

*5 छिद्रों वाले घड़े को कैसे भरेंगे ?*

*गुरु ने मुस्कान के साथ उत्तर दिया -पानी में ही डूबा रहने दो ;भरा ही रहेगा !*

*इसी तरह हमारी 5 इन्द्रियाँ परमात्मा में ही डूबी रहेंगी तो संसार क्या बिगाड़ लेगा*

*तन की जाने, मन की जाने,*
*जाने चित की चोरी ।*

*उस प्रभु से क्या छिपावे*
*जिसके हाथ है सब की डोरी ॥


सबसे बड़ी हकीकत*
*”लोग आपके बारे में अच्छा सुनने पर शक करते हैं,*
*लेकिन बुरा सुनने पर तुरंत यकीन कर लेते है!”


SMART Ho Aap Toh Bure Hm B Nhi
INTELLIGENT Ho Ap Toh Buddhu Hm B Nhi
Dosti Kr K Kehte Ho Busy H Hm
Yaad Karna Hmse Sikho Free Toh Hm B Nhi

यूँ जमीन पर बैठकर क्यों आसमान देखता है,
पंखों को खोल जमाना सिर्फ उड़ान देखता है,
लहरों की तो फितरत ही है शोर मचाने की,
मंजिल उसी की है जो नजरों में तूफान देखता है…

रोज़ याद न कर पाऊँ तो
खुदग़रज़ ना समझ लेना,

दरअसल छोटी सी जिन्दगी है।
और परेशानियां बहुत हैं..!!

मैं भूला नहीं हूँ किसी को…
मेरे बहुत अच्छे दोस्त है ज़माने में ..

बस जिंदगी उलझी पड़ी है ..
दो वक़्त की रोटी कमाने में।. .


काँटों पर चलकर फूल खिलते हैं,
विश्वास पर चलकर .
भगवान .. मिलते हैं,

एक बात सदा याद रखना दोस्त!!

सुख में सब मिलते है, लेकिन
दुख में सिर्फ .. भगवान .. मिलते है. .

👣👣
Good morning


*एक बार एक गाँव में पंचायत लगी थी | वहीं थोड़ी दुरी पर एक संत ने अपना बसेरा किया हुआ था|जब पंचायत किसी निर्णय पर नहीं पहुच सकी तो किसी ने कहा कि क्यों न हम महात्मा जी के पास अपनी समस्या को लेकर चलें अतः सभी संत के पास पहुंचे | जब संत ने गांव के लोगों को देखा तो पुछा कि कैसे आना हुआ? तो लोगों ने कहा ‘महात्मा जी गाँव भर में एक ही कुआँ हैं और कुँए का पानी हम नहीं पी सकते, बदबू आ रही है । मन भी नहीं होता पानी पीने को।*

*संत ने पुछा–हुआ क्या?पानी क्यों नहीं पी सक रहे हो?*

*लोग बोले–तीन कुत्ते लड़ते लड़ते उसमें गिर गये थे । बाहर नहीं निकले, मर गये उसी में । अब जिसमें कुत्ते मर गए हों, उसका पानी कौन पिये महात्मा जी ?*
*संत ने कहा — ‘एक काम करो ,उसमें गंगाजल डलवाओ,*
*तो कुएं में गंगाजल भी आठ दस बाल्टी छोड़ दिया गया ।*
*फिर भी समस्या जस की तस !*
*लोग फिर से संत के पास पहुंचे,अब संत ने कहा”*
*भगवान की कथा कराओ”।*

*लोगों ने कहा ••••ठीक है ।*

*कथा हुई , फिर भी समस्या जस की तस*
*लोग फिर संत के पास पहुंचे !*
*अब संत ने कहा*
*उसमें सुगंधित द्रव्य डलवाओ।*

*लोगों ने फिर कहा ••••• हाँ, अवश्य ।*
*सुगंधित द्रव्य डाला गया|*
*नतीजा फिर वही…ढाक के तीन पात*
*लोग फिर संत के पास*
*अब संत खुद चलकर आये ।*
*लोगों ने कहा– महाराज ! वही हालत है, हमने सब करके देख लिया । गंगाजल भी डलवाया, कथा भी करवायी, प्रसाद भी बाँटा और उसमें सुगन्धित पुष्प और बहुत चीजें डालीं; लेकिन महाराज ! हालत वहीं की वहीं ।अब संत आश्चर्यचकित हुए कि अभी भी इनका मन कैसे नहीं बदला।*
*तो संत ने पुछा– कि तुमने और सब तो किया, वे तीन कुत्ते मरे पड़े थे, उन्हें निकाला कि नहीं?*
*लोग बोले — उनके लिए न आपने कहा था न हमने निकाला, बाकी सब किया । वे तो वहीं के वहीं पड़े हैं ।*
*संत बोले — जब तक उन्हें नहीं निकालोगे, इन उपायों का कोई प्रभाव नहीं होगा।*

*👉सही बात यह है कि हमारे आपके जीवन की यह कहानी है । इस शरीर नामक गाँव के अंतःकरण के कुएँ में ये काम-क्रोध ,लोभ-मोह और अहंकार के तीन कुत्ते लड़ते झगड़ते गिर गये हैं । इन्हीं की सारी बदबू है ।
हम उपाय पूछते हैं तो लोग बताते हैं–तीर्थयात्रा कर लो, थोड़ा यह कर लो, थोड़ा पूजा करो, थोड़ा पाठ। सब करते हैं, पर बदबू उन्हीं दुर्गुणों की आती रहती है ।
तो पहले इन्हें निकाल कर बाहर करें तभी जीवन उपयोगी होगा ..

एक इमाम जी एक दिन एक बच्चे से उलझ गये ।

बच्चे ने भी एक प्रश्न दाग दिया कि,

“वो कौन-सी वस्तु है, जो पाक साफ होती है और कभी अपवित्र नहीं होती……?”

इमाम जी टोपी उतार कर पसीने-पसीने हो गये, मगर, उस बच्चे के प्रश्न का जवाब नहीं दे पाये ।

आखिर, हार मान कर बोले, चल तू बता ।

बच्चे ने कहा कि कभी न अपवित्र होने वाली वस्तु है,

टैन्ट हाउस के गद्दे, जिसे……

हिन्दू,-मुसलमान से ले कर पण्डित, हरिजन कुम्हार , डोम और बाल्मीकि सभी धर्म के लोग इस्तेमाल करते हैं ।

ये गद्दे मैयत से लेकर पूजा पण्डाल तक और धार्मिक कथा से ले कर उठावनी तक हर मौके पर बिछते हैं ।

इनको कोई सुतक भी नहीं लगता ।

बाराती भी इन गद्दों पर सोम-रस पीने के बाद वमन करते हैं ।

छोटे बच्चों को सुविधानुसार इन पर पेशाब करा दिया जाता है ।

इतना ही नहीं, इन पर बिछी चादरों से जूते भी चमका लियेे जाते हैं ।

हद तो तब होती है, जब हलवाई इन चादरों में पनीर का चक्का लटका देता है ।

उसी पनीर से क्या मजे का मटर-पनीर बनता है….

😤😤😤😤

😟😟😟😟

😏😏😏😏

इमाम चारों खाने चित था…..!!

बच्चा इमाम जी पर पानी के छीटे मार रहा था……!! 😀😀

इस पोस्ट को एक चुटकुले के नजरिए से ना देखा जाए।

यह एक सत्यता है जिसे हम सब जानते , पर मानते नही है।
और दिखावा करते है।
!! जय हिंद!!


एक चीज़ शेयर करना जरा सब लोग…
2013 : पेट्रोल 83 रु लीटर और 1 लाख करोड़ का तेल कम्पनियों पर कर्ज
2018 : पेट्रोल 80 रु लीटर और तेल कम्पनियों पर ZERO कर्ज

मोदीजी दावोस गए|
वहाँ उन्हे अपनी बात रखने का मौका मिला|
भाषण के क्रम में उनके मुँह से भूलवश सवा सौ करोड़ जनता की जगह 600 करोड़ जनता निकल गया|
कुछ लोग 600 करोड़ वाली बात पर ताली पीट रहे है|
अगर 600 करोड़ न बोला होता तो दूसरी बात पर उछलते|
हिंदी में भाषण दिया उससे भी परेशानी है|
कह रहे वोटरों को लुभाने के लिए वो हिंदी में बोले|
यही अंग्रेजी में स्पीच दी होती तो कहते विदेश जाकर विदेशी बोली बोल रहे है|
लब्बोलुआब यह है कि मोदीजी को वहाँ मिलने वाली इज्जत अफजाई अच्छे अच्छो को न पच रही है|
कमबख्त दस्त के मारे औंधे पड़े हुए है|
प्यारे नफरतगर्दों,
सूजी है क्या?

*सफलता क्या है ??*

4 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप अपने कपड़ों को गीला नहीं करते।

8 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप अपने घर वापिस आने का रास्ता जानते है।

12 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप अपने अच्छे मित्र बना सकते है।

18 वर्ष की उम्र में मदिरा और सिगरेट से दूर रह पाना सफलता है।

25 वर्ष की उम्र तक नौकरी पाना सफलता है।

30 वर्ष की उम्र में एक पारिवारिक व्यक्ति बन जाना सफलता है।

35 वर्ष की उम्र में आपने कुछ जमापूंजी बनाना सीख लिया ये सफलता है।

45 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप अपना युवावस्था बरकरार रख पाते हैं।

55 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप अपनी जिम्मेदारियाँ पूरी करने में सक्षम हैं।

65 वर्ष की आयु में सफलता है निरोगी रहना।

70 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप आत्मनिर्भर हैं किसी पर बोझ नहीं।

75 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप अपने पुराने मित्रों से रिश्ता कायम रखे हैं।

80 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आपको अपने घर वापिस आने का रास्ता पता है।

और 85 वर्ष की उम्र में फिर सफलता ये है कि आप अपने कपड़ों को गीला नहीं करते।

अंततः यही तो जीवन चक्र है.. जो घूम फिर कर वापस वहीं आ जाता है जहाँ से उसकी शुरुआत हुई है। और यही जीवन का परम सत्य है।

संभाल कर रखना अपने को
Bcoz……
आपका जीवन अनमोल है ।।