वापिस नही आता, तीर चल जाने के बाद ..
कौन पुछेगा तुझे, ये हुस्न ढल जाने के बाद !!
बोलो वाह वाह
किसी ने कहा दुनिया प्यार से चलती है, किसी ने कहा दुनिया दोस्ती से चलती है, लेकिन हमने जब आजमाया तो ये दुनिया मतलब से चलती है।
मृत्यु के लिए रास्ते बहुत है..
मगर जन्म के लिए केवल माँ है..
अजीब है यह बात कि
दुसरो कि मदद करने के लिए समय किसी के पास नही है
पर दुसरो के कार्यो मे टाँग अडाने के लिए समय सब के पास है
“एक बार नही सौ बार कहेगें”
पाकिस्तान की सबसे बड़ी ताकत पाकिस्तान का परमाणु बम नही
बल्कि भारत में रहने वाले गद्दार है…
कंजूस जैसा
कोई दाता नहीं है।
वह अपनी
सारी संपत्ति
दूसरों को देकर
चला जाता है।
#अच्छी_किताबे 📚 और अच्छे लोग 👬 तुरंत समझ में नहीं #आते 🤔 बल्कि उन्हें पढ़ना #पड़ता_हैं ।।
अकेले बैठोगे, तो मसले जकड लेंगे.,
ज़रा सा वक़्त सही , दोस्तों के नाम करो….
जब इंसान सफल होने लगता है,
तब इंसान खुश नही होते हैं,
बल्कि जलने लगते हैं।
पाकिस्तान मे दो चीज़ें हमसे बेहतर हैं।
एक:- पाकिस्तान ग़लत है, पर हर पाकिस्तानी अपने देश के साथ खड़ा है..!!
भारत सही है पर फिर भी कुछ भारतीय पाकिस्तान के साथ खड़े हैं..!!
मतलब, भले ही वहां आतंकवादी हो पर वहां देशद्रोही पैदा नहीं होते..!!
दुसरी:- जिन मूर्खों ने परमाणु परीक्षण से प्याज 80₹ Kg होने से “अटलजी” को खोया था, बता दूँ 100₹ kg प्याज, 300 ₹ kg टमाटर है पाक में, फिर भी वो लोग इमरान खान के साथ हैं !! प्याज़-टमाटर 300/KG हो गये, पर देश नहीं जलाया..!!. लेकिन भारत मे पेट्रोल में 5 पैसे क्या बढ़ते हैं लोग प्रधानमंत्री को जलाने लग जाते है।
ਜਦੋਂ ਕਿਸਾਨ ਸਰਕਾਰ ਖਿਲਾਫ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਨ ਕਰਨ ਤਾਂ ਉਹ
ਅੰਤਕਵਾਦੀ
ਜਦੋਂ ਸਿੱਖ ਕਰਨ ਤਾਂ ਉਹ
ਖਾਲਿਸਤਾਨੀ
ਜਦੋਂ ਮੁਸਲਿਮ ਕਰਨ ਤਾਂ ਉਹ
ਪਾਕਿਸਤਾਨੀ
ਪਰ ਜਦੋਂ ਭਗਤ ਕਰਨ ਤਾਂ ਉਹ
ਸੱਚੇ ਦੇਸ਼ ਭਗਤ
समय अच्छा’ हो तो आपकी
गलती भी मजाक लगती है,
और
समय खराब हो तो आपकी मजाक भी गलती बन जाती है !!”
झुको उतना जितना सही हो.
बेवजह झुकना दूसरों के अहम् को बढ़ावा देता है
कितने अजीब होते हैं इंसान,
अगर उसके बारे में “सच” कहो तो वो “बुरा” मान लेता हैं,
और दूसरे के बारे में “बुरा” कहो तो वो “सच” मान लेता हैं….! 🙏👌
कहता है वो जनता की भीड़ है।
सही तो है, यही तो भीड़ है।
उस भीड़ का तू भी हिस्सा है
जिंदगी का बस यही तो किस्सा है।
*रावण बनना भी कहां आसान…*
रावण में अहंकार था
तो पश्चाताप भी था
रावण में वासना थी
तो संयम भी था
रावण में सीता के अपहरण की ताकत थी
तो बिना सहमति परस्त्री को स्पर्श भी न करने का संकल्प भी था
सीता जीवित मिली ये राम की ही ताकत थी
पर पवित्र मिली ये रावण की भी मर्यादा थी
राम, तुम्हारे युग का रावण अच्छा था..
दस के दस चेहरे, सब “बाहर” रखता था…!!
महसूस किया है कभी
उस जलते हुए रावण का दुःख
जो सामने खड़ी भीड़ से
बारबार पूछ रहा था…..
*”तुम में से कोई राम है क्या ❓”*
आइये 25 दिसंबर से 1 जनवरी 2018 तक… पर्यावरण बचाने का संकल्प लें।
1.देश मे व विदेश में पटाके न फोड़े व प्रदूषण कम करें।
2.मोमबत्ती प्रार्थना में व्यर्थ न जलाएं, गांव में इसे बांटें जिससे किसी का अंधेरा दूर हो।
3. सांता के कपड़े बनाकर हर दुकान में, गिरिजाघर में, मॉल में न टांगे, इससे गरीबों के कपड़े बनाये।
4. क्रिसमस ट्री बनाने में सामग्री व्यर्थ न गंवाएं, अस्पताल में गरीब मरीजों को धन की मदद करें।
एक विचार यदि अच्छा लगे तो औरों को भी बताएं, आखिर सभी धर्मों का फर्ज बनता है हर बार हिन्दू त्योहारों पर ही क्यों त्याग की भावना आये। सभी धर्म एक समान है। बोलो भारत माता की जय, विश्व का कल्याण हो, लोगो मे सद्भावना हो।