आज पगली बरसो बाद मिली तो गले लगकर खूब रोइ…..
जानते हो ये वही थी जिसने कहा था तेरे जैसे हजारो मिलेंगे………..
मुझे आज भी उसकी शिद्दत रोने नही देती,
कहती थी मर जायेंगें तेरे आँसुओं के गिरने से पहले
धमकियाँ देता है और वो भी जुदाई की,
मुहब्बत में भी देखो बदमाशियाँ मेरे यार की___
अजीब सी नींद मेरे नसीब में लिखी हे ….
पलके बंद होती हे तो दिल जाग जाता हे
हाथ मे बस एक ‘बासुँरी’ कि कमी है वरना,
गोपिया हमने भी कई ‘फसाई’ है..!!
अब कहा जरुरत है हाथों मे पत्थर उठाने की,
तोडने वाले तो जुबान से ही दिल तोड देते हैं
कभी मुझको साथ लेकर, कभी मेरे साथ चलकर…!
वो बदल गया अचानक, मेरी जिंदगी बदल कर…!!
असल मे वही जीवन की चाल समझता है
जो सफर की धुल को भी गुलाल समझता है
ताल्लुक अगर हो तो रूह से रूह का होना चाहिए
दिल तो अक्सर एक – दुसरे से भर जाया करते है
कल जिनकी खातिर तोड दी थी हमने सारी हदे
आज उन्होने ही कह दिया जरा हद मे रहा करो
बादशास की गली मे आकर कभी पता नही पूछा करते
.
गुलामो के झुके हुए सर खुदबखुद रास्ता बता देते है
असल मे वही जीवन की चाल समझता है
जो सफर की धुल को भी गुलाल समझता है
दिलों की बात करता है ज़माना
.
पर मोहब्बत आज भी चेहरे से शुरू होती है.
ताल्लुक अगर हो तो रूह से रूह का होना चाहिए
दिल तो अक्सर एक – दुसरे से भर जाया करते है
तुम रख ना सकोगे मेरा तोहफा सभालकर
वरना
मै तुमको अभी दे दु अपने जिस्म से रूह निकाल कर
तुम रख ना सकोगे मेरा तोहफा सभालकर
वरना
मै तुमको अभी दे दु अपने जिस्म से रूह निकाल कर