छोड़ तो सकता हूँ मगर छोड़ नहीं पाता उसे,

वो शख्स मेरी बिगड़ी हुई आदत की तरह है.. …



मोह्ह्ब्ब्त की कहानी को मुकम्म्ल नही कर पाये…
अधूरा था जो किस्सा अधूरा ही छोड आये

मेरी बरबादियों में तेरा हाथ है मगर…….
में सबसे कह रहा हूँ ये मुकद्दर की बात है…

मुंह की बात सुने हर कोई, दिल के दर्द को जाने कौन ,

आवाज़ों के बाजारों में, ख़ामोशी पहचाने कौन !


Suno Sahib Kabhi Humse Bhi Puch Liya Karo Haal e Dil
Kabhi Hum Bhi Yeh Keh Sakein Ke, DUA Hai AAPKI !!

Kisi insan k sath aisa salok na karo
jaisa tum apny sath nahi chahty


न जाने कैसी दिल्लगी थी उस बेवफा से,

के मैंने आखिरी ख्वाहिश में भी उसकी वफ़ा मांगी…


तेरी मुहब्बत की तलब थी तो हाथ फैला दिए वरना,

हम तो अपनी ज़िन्दगी के लिए भी दुआ नहीं करते…

मुझे इस बात का गम नहीँ कि बदल गया ज़माना।
मेरी जिंदगी तो सिर्फ तुम हो कहीँ तुम ना बदल जाना।

“अब ढूँढ़ रहे है वो मुझ को भूल जाने के तरीके…,
तो दूर हो कर उनकी मुश्किलें आसन कर दी हमने।”


अब तेरे बाद ……मेरा कौन बनेगा ….हमदर्द …..*
मैंने अपने भी खो दिए…. तुझे पाने की….. ज़िद में…….*


अपनी मोहब्बत पर इस कदर यकींन है मुझे की,
जो मेरा हो गया वो फ़िर किसी ‘और’ का हो नही सकता

ये भी एक तमाशा है, इश्क और मोहब्बत में
दिल किसी का होता है और बस किसी का चलता है.


बड़ी अजीब सी मोहब्बत थी तुम्हारी,
पहले पागल किया, फिर पागल कहा, फिर पागल समझ कर छोड़ दिया.

रोज़ गाड़ी से लगभग 100 किमी घूमता हूँ
लेकिन अभी तक एक भी नोटवाला बोरा नहीं मिला 😀

कुछ दोस्त भी अजीब होते है।😍
पढ़ते सब है लिखते कुछ नही