बहुत ही ​खूबसूरत ​लम्हा​ था वो …
जब उसने कहा था ​मुझे​ ​तुमसे​ ​मोहब्बत​ ​है​ ​और​ ​तुमसे​ ​ही​ ​रहेगी



बदला वफाओं का देंगे बहुत सादगी से हम..!!
तुम हमसे रूठ कर देखो और हम ज़िंदगी से मुह फेर लेंगे..!!

दिन छोटे और रातें लंबी हो चली है
,मौसम ने यादों का वक़्त बढ़ा दिया।..

हम आते हैं महफ़िल में तो फ़कत एक वजह से,
यारों को रहे ख़बर कि अभी हम हैं वजूद में..”


थमने लगी है नब्ज़ की रफ्तार भी अब तो।
असर उनसे बिछड़ने का.. बड़ा जानलेवा है।।

तुमने क्या सोचा कि रिश्ते तोडने से मुँहब्बत खत्म हो जाती है,
अरे लोग तो उन्हें भी याद करते है जो दुनिया छोड जाते है.!


बदल जाती है जिंदगी की सच्चाई उस वक्त,
जब कोई तुम्हारा.. तुम्हारे सामने.. तुम्हारा नहीं होता.


सारा बदन अजीब से खुशबु से भर गया
शायद तेरा ख्याल हदों से गुजर गया..

तरस गए हैं तेरे लब से कुछ सुनने को हम….
प्यार की बात न सही कोई शिकायत ही कर दे..

बारिश की बूंदों में झलकती है तेरी तस्वीर,
आज फिर भीग बैठे तुझे पाने की चाहत में !!


अब ऩ कोई हमे अपनेपन का यकीन दिलाये,
हमें रूह में भी बसा कर निकाला है लोगो ने..


लफ्ज़ पहचान बने मेरी तो बेहतर है..!!
चेहरे का क्या है, साथ ही चला जाएगा एक दिन

तुम साथ हो तो मुकद्दर पे हकुमत हैं अपनी।
बिन तेरे ज़िन्दगी की औकात ही क्या हैं।।


मेरे ख़िलाफ़ बातें बड़ी ख़ामोशी से सुनता हूँ मैं,
मैंने जवाब की ज़िमेदारी वक़्त को दे रखी है l

यूँ तो मुक्कमल कर दिया है मुझे इश्क़ ने तेरे..
पर तक़दीर के चलते रह गए ज़िन्दगी के कुछ पन्ने अधूरे.

सुना है दिल से याद करो तो खुदा भी आ जाता है,
हमने तो साँसों को भी दाँव पे लगा दिया फिर भी अकेले रहे