रंग कैसा है तुम्हारे प्यार का..
जख़्म दिल के सब गुलाबी हो गए
सलीक़ा हो अगर भीगी हुई आँखों को पढने का,😓❤
तो फिर बहते हुए आंसू भी अक्सर बात करते हैं
अपनी मौत भी क्या मौत होगी ,,
एक दिन यूँ ही मर जायेंगे तुम पर मरते मरते !!
बहुत सोचा, बहुत समझा, बहुत देर तक परखा,
तन्हा हो के जी लेना मोहब्बत से बेहतर है
पत्थर को लोग इसलिए पूजते हैं क्योंकि
विश्वास करने लायक इंसान नहीं मिलता।
तेरी यादें हर रोज़ आ जाती है मेरे पास,
लगता है तुमने बेवफ़ाई नही सिखाई इनको..!
एहसान जताना जाने कैसे सीख लिया..
मोहब्बत जताते तो कुछ और बात थी।
दिल मेरा भी कम खूबसूरत तो न था,⁉
मगर मरने वाले हर बार सूरत पे ही मरे !!
बेक़रारी देख ली तूने, अब तू मेरी खामोशी देख
इतना ख़ामोश रहूँगा मैं,की अब चीख़ उठेगी तू….
*जब आप “फिक्र” में होते हो तो,खुद जलते हो…
और*
*आप “बेफिक्र” होते है,तो दुनिया जलती है…
आप अगर चाहो तो पूछ लिया करो खैरियत हमारी…
कुछ हक़ दिए नहीं जाते ले लिए जाते हैं।।
मेरा “मैं” हरपल “हम” में बदलता रहा…
और तुम बे-परवाह “तुम” में ही रही…
पर्दा गिरते ही खत्म हो जाते हैं तमाशे सारे ….
खूब रोते हैं फिर औरों को हँसाने वाले..
किसी और का हाथ कैसे थाम लूँ….
वो तन्हा मिल गयी कभी तो क्या जवाब दूँगा…..!!
रोना ही है ज़िन्दगी तो हँसाया क्यो..
जाना था दूर तो नज़दीक़ आया ही कयो
रोना ही है ज़िन्दगी तो हँसाया क्यो..
जाना था दूर तो नज़दीक़ आया ही कयो