इतना रोई वो मेरी कब्र पे मुझे जगाने के लिए,
मै मरता ही क्यो अगर वो थोड़ा रो देती, मुझे पाने के लिए !
बचपन में भरी दुपहरी नाप आते थे पूरा महोल्ला, 💗जब से डिग्रियाँ समझ में आई, पाँव जलने लगे
अच्छा लगता हैं तेरा नाम मेरे नाम के साथ,
जैसे कोई खूबसूरत सुबह जुड़ी हो, किसी हसीन शाम के साथ !
दिल टूटा है मेरा और ख्वाब बिखर गये,
दर्द मिला इश्क मे इतना कि जख्मो से हम निखर गये
बुरे वक्त में किसी से कोई उम्मीद मत रखो,
क्यूंकि समझौतें शेर को भी कुत्ता बना देते है !!
रिश्तों के दलदल से, कैसे निकलेंगे
जब हर साज़िश के पीछे, अपने निकलेंगे!
फासलों का एहसास तो तब हुआ साहब….*
*जब मैंने कहा “मैं ठीक हूँ”, और उसने मान लिया
नहीं जीना मुझे अब उस नकली अपनों के मेले में …
खुश रहने की कोशिश कर लूंगा खुद हीं अकेले में
दम तोड़ जाती है हर शिकायत लबों पे आकर,
जब मासूमियत से वो कहती है मैंने क्या किया है
होने वाले ख़ुद ही अपने हो जाते हैं..
किसी को कहकर, अपना बनाया नही जाता..!!
कभी टूटा नहीं मेरे दिल से तेरी यादों का रिश्ता..
गुफ़्तगू किसी से भी हो ख़याल तेरा ही रहता है..💟
ना पीछे मुड़ के देखो, ना आवाज़ दो मुझको,
बड़ी मुश्किल से सीखा है मैंने अलविदा कहना..
वो जो मुझे हँसते हुए देख कर खुश समझते हैं ,
वो अभी मुझे समझे नहीं।
पैगामे मोहब्बत हमने भेज दिया लिफाफे में ❤
मर्ज़ी उसकी लिफाफा खोले या यूं ही रख दे
तमन्नाओ की महफ़िल तो हर कोई सजाता है
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पूरी उसकी होती है जो तकदीर लेकर आता है..!!
मैं आपकी नज़रों से नज़र चुरा लेना चाहता हूँ,😍
देखने की हसरत है बस देखते रहना चाहता हूँ