म्हारे गाम का सुक्की वेहला ब्याह खात्तर छोरी देखण मन्नै अपने गैल्यां ले ग्या …

छोरी के सारे घर के बैठे थे , छोरी चाय लेकै आई अर सामने बैठगी … सुक्की थोड़ी हाण छोरी कान्नी देखकै छोरी के बाब्बू तै बोल्या :- अंकल जी है तो या बी ठीक पर इस्तै बढ़िया कोई और हो तो वा बी दिखा द्यो ……..

या सुन्दे ई मैं तो औढ़े तै अंतरध्यान हो ग्या …
सुक्की गैल्यां के बणी पाच्छे तै या तो वो होस मैं आण के बाद बतावैगा … आई सी यू मैं बेहोस पड़या फिलहाल तो



म्हारा एक दोस्त है लगभग अपणी करतुतां की वजह तै बेरोजगार है …
पर दारू का शौकीन है , कोए दोस्त फस ज्यो उदन उस पै तै दारू पी कै मानैगा बेसक अपणी बचपन की दोस्ती का वास्ता दे कै ब्लैक मेल करणा पड़िओ …

अर लाके तिन्न पैग बल्लिए … मेज पै हाथ मार कै बोलैगा :- ओए तेरे भाई पै बेसक पैसे की तंगी रवै है पर आज तंई किसी भैंचौ के पल्ले तै दारू कौनी पी … अर सुन कल आ जइए बेसक पाँच चार तटपूजिए ले कै फुल्ल पार्टी तेरा भाई करैगा … 😎😎😎

थारा बी कोए ऐसा दोस्त है के ..

पूनम : कोई आवाज दे है बाहर गेट पै , देखियो ।
अनिल : कौण है ?
पूनम : मैं ना पिछाणती
अनिल : अच्छा , रुकण की कह , मैं आऊं हुँ बाहर नै ।
एक तै इस घर मैं कुछ मिलता नी बख्त पै , मेरी घड़ी कित गई इब ?
किसे काम की नहीं या लुगाई , कोय चीज ठिकाणे पै नी पाती , बेरा ना के करती रह है सारे दिन बैठ्ठी बैठ्ठी ।
किस्मत फूट गी मेरी जो या पल्लै पड़ी ।
पूनम : तू पहल्या कोस ले अपणी किस्मत नै जी भर कै, तन्नै तो ज्युकर जीवन सफल कर दिया मेरा , तन्नै पा कै तो सारी इच्छा पूरी होगी मेरी ।
मौका मिलते ए जहर काढण लाग ज्या अपणा , कदे मिठास भी आया है इस जबान पै मेरे नाम का ??
इतणे मैं दुबारा किवाड़ खुड़कै है …..
अनिल : आऊं हूँ , आऊं हूँ , शांति राख ।
“नारंगी पीला सूट पहरे एक सुथरा सा चेहरा, जमीन मैं नजर ग़ाड्डे खड़ा था ।
ज्युकर कुछ छिन ग्या हो उसका”
अनिल : जी बोलो ,
पिछाणे नी आप !!
“उसकी आंख ईब भी जमीन पै थी, ज्युकर कुछ
उकेरणा चाहती हो, उस संगमरमर के धोले फर्श पै ।”
ब्होत हिम्मत जुटा कै वा उप्पर लखाई ।
अनिल : सुमन तू !!
“इस बोल के पाछै जो सन्नाटा ब्यखरा , उसकी चीख मैं , वे सारे ‘घा’ जो भर कै , नई खाल मैं ढल गे थे, एक बार फेर हरे हो गे ।”
” वो घर का गेट एक सीमा रेखा मैं बदलग्या ।”
“एक पासै रिवाजां की रस्सी तै गांठ मार कै गला घोंटी होई गृहस्थी थी और दूसरे पासै बख्त अर झूठे अहंकार की मार खाया होया प्यार।”
“बसी होई गृहस्थी मैं अलगाव का विलाप था अर उजड़े होए , दीमक के खाए होए प्यार मैं सुकून।”
“करुणा तै एक जीसी थी दोनूं पासै , बस बख्त सही ना था।”
“दिल के स्वार्थ नै गृहस्थी के किवाड़ लात मार कै बंद कर दिए थे ।”
अहमद फ़राज़ साहब की ग़ज़ल का यो शेर ब्होत सही लागै है आडै :
” रंजिश ही सही, दिल ही दुखाने के लिए आ …
तू फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ “

हा हा बिघन होग्या!!
जडै मै खडया हूं उसके स्यामी कुर्सी तलै
एक 100 का नोट पड्या है!!
एक छोरी नै भी देख लिया ओ नोट!!
इब शर्म म ना वा ठा री अर ना मै


जन्नत में हाई अलर्ट … हूरे सिर्फ बहत्तर थी , पहुंच गए तीन सौ …
हर कौई अपनी अपनी बहत्तर मांग रहा है

छोरी नैं फेसबुक पै एक काटड़े की फोटो पोस्ट करी … हमारे मिल्कमैन की बफैलो ने एक मिन्नी सा बेबी दिया … Sooo cute ना 😘😋

अर उसके बाद रांडयां के रिप्लाई …

O god so cute कुच्ची कुच्ची कुच्ची … 💕

अती सुंदर , इसका नाम ब्लैकी रखिएगा प्लीईईईज

बेबी आप ऐसी जगह मत वीजिट किया करो , वंहा आपके फीट्स में बफैलो की शिट लग जाएगी यू नो … 😬😬

बेबी पार्टीईईईई


ट्रेन मैं एक मॉडर्न ख्याल की छोरी मेरे साथ टाइमपास खात्तर बातचीत कररी थी बात बात मैं बोली :- ये जो smoking करते हैं ना , I hate thos kind of men ,

मै बोल्या … सही बात है आपकी ऐसे लोग अपने साथ साथ आसपास वाले लोगों के स्वास्थ्य से भी खिलवाड़ करते हैं … और आजकल तो लड़कियां भी सिगरेट शराब पीने लगी हैं पता नही समाज किस ओर जा रहा है …

जब्बे बिफरगी :- how dere you … आप कौन होते हैं औरत की पसंद नापसंद में दख़ल देने वाले , आप जैसे मनुवादियों की सोच ने औरतों को हजारों साल से गुलाम बना के रखा है …

आस पास के लोग मेरे कान्नी न्यु देखण लागगे जणो मन्नै छोरी छेड़ दी


एक बार के होया के बुआ और
भतीजी एक गाम मैं
ब्याह दी…..
ओड़े उनके नेग बदलगे…..
भतीजी का घरआला बुआ के
घरआले का काका लागै था!!
एक दिन बुआ का घरआला उस
भतीजी के घर नै गया…….
उसने कुवाड़ खुडकाए!
भीतर तै वा भतीजी बोली कुण सा सै रै!!
तो वो बोल्या: काकी मैं सूँ
तेरा फूफा…!!
😂😂😂😂
.
.
राम राम तडके आळी
🙏😂😂😂😂🙏

पत्नी :- मैं तो मेरे भाई के बहरे पण नैं डोब दी ना तूं मेरे पल्ले ना पड़दा … 😗

पति ( मजे लेंदा होया ) :- उसी मेरे साले नैं तो म्हारा रिस्ता कराया था … अर तूं तो कह्या करै अक वा तन्नैं घणा प्यार करै था तेरी सारी फरमैश पूरी करया करदा … 😎

पत्नी :- हां ठीक कहूं थी … पर एकबै मैं गाणा गांऊ थी …
भइया मेरे राखी के बंधन को निभाना
अर उस बहरे नैं सुण लिआ …
भइया मेरे राखी पे बंदर को ले आणा …

फेर वा तन्नैं पसंद कर ल्याया मेरी खात्तर ..

टीचर :- अपनी माँ की तारीफ मैं एक ऐस्से लिखो ,

छात्र :- सर दुनिया मैं वा स्याई ना बणी जो मेरी माँ के गुण लिख सकै …

टीचर :- ओह … तो बेट्टा बाब्बू के बारे मैं लिख दे कुछ ,

छात्र :- सर जी वा कागज इ ना है सृष्टी मैं जिसपै मेरे बाब्बू की महानता लिखी जा सकै …

मास्टर जी की आंख्यां मैं पाणी आ गया छोरे तै गले लाकै बोल्या :- वाह रै महान आत्मा मनैं गर्व है तेरे पै … बड़ा हो कै के बणैंगा …

महान आत्मा बोल्या :- जी मास्टर जी बड़ा होकै नेता बणूंगा अर बिना कुछ करे धरे न्युए बड़ी बड़ी बात करकै लोगां का फद्दू बणाउंगा अर ऐश करुंगा ..


एक हरियाणवी 5 स्टार होटल में जाके वेटर से बोला, “चाय 🍵 लाओ..”

थोड़ी देर बाद वेटर ट्रे के साथ आया जिसमें गरम पानी, टी बैग, शुगर क्यूब और मिल्क पाउडर का पाउच था। ट्रे रख वो चला गया.!!

हरियाणवी ने जैसे-तैसे चाय बनाई और पी..!! 😒

कुछ देर बाद वेटर उसके पास आया और कहा, “और क्या लोगे साब..?”

हरियाणवी : वैसे तो पकोड़े खाने का जी करे था भाई, पर डर 😱 यूं लागे कि उसे तु मेरे सामने….

तेल, बेसन, नून मिर्च और कढ़ाई लाके न धर दे..!!


दुकान पै गया था अंडे लेण मखा कितने का एक है …

बैल्या भाई सात का …

मखा यार स्यामी दकाण आला तो पाँच का दे है …

चारौं कान्नी देख कै खड़या होकै मेरे कान मैं बोल्या …
भाई उसकी मुर्गी का करैक्टर खराब है …

ओ हवनकुंड, भक्तों का झुंड
सुनसान रात, सब साथ-साथ
सुन मन की बात, रख दिल पे हाथ
बोलो त्या थिलेदाआआआ …
तमल थिलेदा… तमल थिलेदा…तमल थिलेदा… 😎😎

जोकिंग अवेएएए ..


मेरी फेसबुक आली फोटू पै आज एक छोरी का कमैंट आया …

Nice pic , looking sooo handsome 😘

मैं भाज कै गया अर सिस्से मैं अपणा मुंह देख्या …

फेर मुंह धो कै मुंह देख्या …

फेर साबण गैल्यां मुंह धो कै मुंह देख्या …

फेर सिस्सा धो कै मुंह देख्या …

फेर जाकै जकीन आया अक या कमैंट आला यां तो पापा की परी है यां फेक आई डी आला कोए कंजर दोस्त …

समझ ना आई …
आज एक आदमी पब्लिक टॉयलेट मैं तै बाहर लिकड़या
अर दांता मैं तिल्ली मार रया था …
हद ऐ यार …

म्हारे ताऊ ना देखदे वकत बी मन की आई जब्बे कह दे हैं …
एक ताई मरगी उस्तै शमशान लेजण खात्तर ठाण लाग्गे तो उसकी तीन बहू उस्तै लिपट कै रोरो कै फंड करण लाग्गी … ए मां हमनै बी ले जा तेरी गैल्यां हम बी चालांगी ,
ताऊ पै ना डट्या गया बोल्या :- गैल्यां ले जण नै के उसनै टाटा सूमो कर राक्खी जो थम्नै बी बिठा ले जागी … थम ठाओ रै फेर मन्नै आकै धार बी काडणी है ,
Be practical like ताऊ