कोई चेहरे का दीवाना, किसी को तन की तलब!!
अदाएं पीछा करवाती हैं, मोहब्बत कौन करता है
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तुम रख ना सकोगे मेरा तोहफा सभालकर
वरना
मै तुमको अभी दे दु अपने जिस्म से रूह निकाल कर
ना कर शक मेरी मोहब्बत पर ऐ पगली…. .
अगर सबूत देने पर आया तो तू बदना हो जायेगी…
वैसे मैं तो ठीक हूँ उसके बिछड़ जाने से…
पर बस दिल का ही भरोसा नीं,
साला कहीं धड़कना ही न छोड़ दे |
कहाँ तलाश करोगे तुम मुझ
जैसा कोई…
जो तुम्हारे सितम भी सहे….
और तुमसे
मुहब्बत भी करे !!!
इस तरह से लूटा है हमें इश्क-ए
तमन्ना नें,
कि ज़िन्दगी भी छीन ली और जान
से भी नही मारा
कैसे भुला देते हैं लोग तेरी खुदाई को, या रब!
मुझसे तो तेरा बनाया हुआ एक शख्स, भुलाया नहीं जाता……..
मौत को देखा तो नही पर शायद वो बहुत खूबसूरत होगी,
कम्बख्त जो भी उस्से मिलता है जीना छोड देता है
बेवफाई तो सभी कर लेते है जानेमन ,
तू तो समझदार थी कुछ तो नया करती
हद से बढ़ जाये ताल्लुक तो ग़म मिलते हैं,
हम इसी वास्ते, अब हर शख्स से कम मिलते हैं
मरने का मज़ा तो तब है,
जब कातिल भी जनाजे पे आकर रोये.
लश्कर भी तुम्हारा है, सरदार भी तुम्हारा है,
तुम झूठ को सच लिख दो, अखबार भी तुम्हारा है..!!
जरा तो शर्म करती तू पगली.
मुहब्ब्त चुप चुप के और नफरत सरे आम.
मुस्कुरा के देखो तो सारा जहाँ रंगीन है।
वर्ना भीगी पलकों से तो आईना भी धुंधला दिखता है।।
नहीं मिलेगा तुझे कोई हम सा,
जा इजाजत है ज़माना आजमा ले.
ए मुसीबत जरा सोच के आन मेरे करीब,
कही मेरी माँ की दुवा तेरे लिए मुसीबत ना बन जाये.