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मोह्हब्ब्त किसी से तब ही करना जब निभाना सिखलो ..
मजबूरियों का सहारा लेकर छोड़ देना वफादारी नही होती.



मुझे मोहब्बत हैँ तुम्हारे जिस्म से,
ये ख्याल भी तुम्हेँ कैसे आया….
उस दिन लौट आना ऐ हसीन,
जब जिस्म का साथ छोङ दे तुम्हारा साया…..

हमसे मोहब्बत का दिखावा न किया कर,
हमे मालुम है तेरे वफा की डिगरी फर्जी है

दिल मे बने रहना ही सच्ची शोहरत है,
वरना मशहूर तो कत्ल करके भी हुआ जा सकता है.!!


लोग तो अपना बना कर छोड देते हैं,
कितनी आसानी से गैरों से रिश्ता जोड लेते हैं
हम एक फूल तक ना तोड सके कभी
कुछ लोग बेरहमी से दिल तोड देते हैं.

ऐसा तो नहीं कि ये ज़िन्दगी हमको प्यारी नहीं,.
वो अलग बात है कि तुम्हारे बिना ये हमारी नहीं….


जिधर देखो, उधर मिल जायेंगे, अखबार नफरत के
बहुत दिन से, मोहब्बत का न देखा, एक खत यारों


आखिर कैसे भुला दे हम उन्हें….
मौत इंसानो को आती है यादो को नहीं……!!

कैसे भुला देते हैं लोग तेरी खुदाई को, या रब!
मुझसे तो तेरा बनाया हुआ एक शख्स, भुलाया नहीं जाता……..

तुम्हारा जिक्र ,तुम्हारी फिक्र, तुम्हारा एहसास…
तुम खुदा नहीं फिर, हर जगह मौजूद क्यों हो


होंठों की हँसी को न समझ हकीकत-ए-ज़िंदगी,
दिल में उतर कर देख कितने टूटे हुये हैं हम!


चलो बिखरने देते है जिंदगी को अब,
सँभालने की भी तो एक हद होती है…!

जो समझते थे की पैसे से सब कुछ खरीदा जा सकता है,
प्यार के लिए पल-पल तरसते मैंने ऐसे कई लोग देखे हैं…


दुश्मनी जम कर करो लेकिन इतनी गुंजाइश रहे,
जब कभी हम दोस्त हो जायें तो शर्मिंदा कोई न हो..

दिल जहाँ ले जाये दिल के साथ जाना चाहिए,
क्योंकि दिल से बढ़कर कोई रहनुमा नहीं होता.

मेरी हर एक अदा में छुपी थी मेरी तमन्ना,
तुम महसूस ना कर सके ये और बात है…