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आज मैं सब्जी खरीदने सब्जी वाले के पास गया।

मैंने उससे फूल गोभी ली और पूछा- “भैया आजकल सब्जी में वो स्वाद ही नहीं रहता, आप खराब सब्जी ला रहे हो”

सब्जी वाला- “क्या करूं साहब, जबसे मोदीजी ने खेतों में शौच पे रोक लगाई है तबसे सब्जियों में टेस्ट ही नहीं आ रहा है।”



झुन्झुनूं के एक लड़के ने अपनी Girlfriend को

फोन किया तो उसके. पापा ने उठा लिया।

“तो लड़के ने मन मे कहा कि हे भगवान
ये कहा से आ गया””

पापा : हैलो कोन बोल रहे है,

लड़के : मै अमिताभ बच्चन बोल रहा हूँ
कौन बनेगा करोड़पति से ”

आपकी बेटी की सहेली यहाँ हाॅट सीट पर बैठी हुई है
और आपकी बेटी की मदद चाहती है।
उनको फोन दिजिये।

पापा :औह, रोमांटिक होकर बेटी को फोन दे दिया।

लड़के : सवाल यह, “आप हमे कौन-सी जगह पर
मिलेगी? ?

Option A :बिचला बाजार

Option B: हुडडा पारक

Option C: पिलानी रोड

Option D: Govt. college

लड़की : Option .C

लड़का : “”धन्यवाद अब आपका समय
समाप्त होता है “”

पिता अभी तक खुशी के मारे फुले नही समा रहे थे,,

“”” झुंझनूं के लड़के कुछ भी कर सकते है
जरा बचके रहना”””

“”अभी अभी बनाया हूँ यार जल्दी से
दुसरे ग्रूप मे भेजो””

“””””,,,,, झुन्झुनूं की इज्जत का सवाल है यार”””””,,,,,,,
“””””,,,,,,,वरना पुराना हो जाएगा”””””””

एक बार एक लडका दिवार पर इयर बडस गुमा रहा था।
तो दुसरे लडके ने उससे पुचा कीयह तुम किया कर रहे हो ।
तो वह आदमी बोला कि दिवारो के भी कान होते हैैै

कितने भी लोग बैंकों का पैसा लेकर भारत से भाग जांय…..
हमै टेशंन लेने की जरूरत नही….

लक्ष्मी धन वर्षा यंत्र
अभी भी आस्था चैनल वालों के पास ही है


कंजूस जैसा
कोई दाता नहीं है।

वह अपनी
सारी संपत्ति
दूसरों को देकर
चला जाता है।

एक ताजा रिसर्च में पता चला है कि,
कुछ औरते अपने बच्चो को इतना तेज इसलिए
डांटती है………

ताकि पतियों में भी खौफ बना रहे!


*भारत में दो प्रकार के लोग हैं।*

*एक वो,जो रोज मोदी को* *गालियाँ देते हैं*

और

*दूसरे वो, जो उनके काम की कद्र व तारीफ करते हैं*…….

*इन दो ज़मात के अलावा एक तीसरा वर्ग भी है, जो चुपचाप 180 ml लेकर शांतिपूर्वक सो जाते हैं…….*

*एक सर्वेक्षण में पाया गया है, कि ये तीसरा वर्ग ही सर्वाधिक सुखी है……*


वेद पुराण गवाह है भगवान शंकर की पूजा राक्षस भी किया करते थे
राहुल गांधी कैलाश मानसरोवर की तरफ जाते हुए देखे गए…

भारत की कानून व्यवस्था…

एक आदमी के खिलाफ उसकी पत्नी ने तलाक का केस ये कहते हुए दर्ज किया है कि वो बच्चे पैदा नही कर सकता…

और आदमी की नौकरानी ने ये केस किया है कि उसके पेट मे जो बच्चा है वो उसी आदमी का है….

यकीन मानिए वो आदमी दोनों केस हार गया

(मैरिज ब्यूरो वाला लड़की से) :- “मैडम यह लड़का बहुत अच्छा कमाता है,
लेकिन थोड़ा काला है.!”
.
(लड़की) :- “भाई साहब इसी क्वालिटी में, थोड़ा दूसरे कलर में दिखाइए ना.!


तरबूज बेचने वाले लडके से मैंने पूछा : ये तरबूज पर थपकी मारने से तुम्हें कैसे पता लगता हैं लाल ही निकलेगा ?

वो बोला, पता नहीं लेकिन बाप ने समझाया हैं कि दो तरबूज पर थपकी मारो फिर तीसरा वाला ग्राहक को पकडा दो…

*खूश हो जाता हैं ग्राहक*


*भारत में सबसे बड़ी दिक्कत यह है*
*की*

*ज्यादातर अमीरजादे अपने बाप*
*को नहीं जानते है* ।

*वह हमेशा पूछते रहते हैं । तू जानता है*
*मेरा बाप कौन है* ?

मंदिरो मे सब कुछ तो स्त्रियो के नाम पर होता है
जैसे
आरती
वंदना
साधना
पूजा
ज्योति
अर्चना
पुष्पांजलि और…
पुरुष के नाम पर क्या होता है ??
केवल …
घंटा🔔🔔
और उस बेचारे को हर कोई बजा के चला जाता है
बेचारे आदमी😝


बारिश और पत्नी दोनो शुरुआत में ही अच्छी लगती है।

बाद में, किच किच किच किच।

ध्यान से हँसना कही पत्नी देख ना ले वरना ओले भी पड़ सकते है।

ताजा शोध से पता चला है कि:

नई साड़ी पहनते ही एक महिला
उतने ही नशे में होती है….

जितना एक बोतल पीने के बाद मर्द !!!!

मुर्गी अंडे दे रही थी और मालिक बेंच रहा था।
मुर्गी देशहित में अंडे दे रही थी।
उसके मालिक ने कहा था-
’’ आज राष्ट्र को तुम्हारे अंडों की जरूरत है।
यदि तुम चाहती हो कि तुम्हारा घर सोने का बन जाये तो जम के अंडे दिया करो। आज तक तुमसे अंडे तो लिये गये लेकिन तुम्हारा घर किसी ने सोने का नही बनवाया। हम करेंगे। तुम्हारा विकास करके छोड़ेंगे।’’

मुर्गी खुशी से नाचने लगी।
उसने सोचा देश को मेरी भी जरूरत पड़ती है।
वाह मैं एक क्या कल से दो अंडे दूंगी।
देश है तो मैं हूं।
वह दो अंडे देने लगी।

मालिक खुश था।
अंडे बेचकर खूब पैसे कमा रहा था।
मालिक निहायत लालची सेठ था।
उसने मुर्गी की खुराक कम कर दी।
मुर्गी चौंकी। -’’ आज मुझे पर्याप्त खुराक नहीं दी गई। कोई समस्या है क्या ?’’
-’’ देश आज संकट में है। किसी भी मुर्गी को पूरा अन्न खाने का हक नहीं। जब तक एक भी मुर्गी भूखी है मैं खुद पूरा आहार नहीं लूंगी। हम देश के लिए संकट सहेंगे।’’
मुर्गी आधा पेट खाकर अंडे देने लगी। मालिक अंडे बेचकर अपना घर भर रहा था।
बरसात में मुर्गी का घर नहीं बन पाया।
मुर्गी बोली- आप मेरे सारे अंडे ले रहे हैं। मुझे आधा पेट खाने को दे रहे है। कहा था कि घर सोने का बनेगा। नहीं बना। मेरे घर की मरम्मत तो करवा दो।
मालिक भावुक हो गया।
बोला “तुमने कभी सोचा है इस देश में कितनी मुर्गियां हैं जिनके सर पर छत नहीं हैं। रात-रात भर रोती रहती हैं। तुम्हें अपनी पड़ी है। तुम्हें देश के बारे में सोचना चाहिए। अपने लिए सोचना तो स्वार्थ है।’’

मुर्गी चुप हो गई। देशहित में मौन रहने में ही उसने भलाई समझी।

अब वह अंडे नहीं दे पा रही थी।
कमजोर हो गई थी।
न खाने का ठिकाना न रहने का।
वह बोलना चाहती थी लेकिन भयभीत थी।
वह पूछना चाहती थी-
“इतने पैसे जो जमा कर रहे हो- वह क्यों और किसके लिए?
देशहित में कितना लगाया है?”

लेकिन पूछ नहीं पाई।

एक दिन मालिक आया और बोला- ’’ मेरी प्यारी मुर्गी तुझे देशहित में मरना पड़ेगा। देश तुमसे बलिदान मांग रहा है। तुम्हारी मौत हजारों मुर्गियों को जीवन देगा।’’
मुर्गी बोली “लेकिन मालिक मैने तो देश के लिय बहुत कुछ किया है,”
मालिक ने कहा अब तुम्हे शहीद होने पड़ेगा।
बेचारी मुर्गी को अब सब कुछ समझ आ गया था
लेकिन अब वक्त जा चुका था और मुर्गी कमज़ोर हो चुकी थी, मालिक ने मुर्गी को बेच दिया।

मुर्गी किसी बड़े भूखे सेठ के पेट का भोजन बन चुकी थी।

मुर्गी देशहित में शहीद हो गई.