पति आधी रात को दारू पी कर आया ओर
दरवाजा खटखटाया
पत्नी :-दरवाजा नहीं खोलूंगी, इतनी रात
को जहां से आ रहे हो वहीं चले जाओ
पति :-दरवाजा खोलो नहीं तो नाले में कूदकर
अपनी जान दे दूंगा
पत्नी :-मुझे कोई परवाह नहीं तुम्हें जो करना है वो
करो
इसके बाद पति गेट के पास के अंधेरे हिस्से में
जाकर खड़ा हो गया और 2 मिनिट इन्तजार
किया फिर एक बड़ा सा पत्थर उठाया
और नाले के पानी में फेंक दिया
छपाक, पत्नी ने सुना तो तुरंत दरवाजा खोला और
नाले की ओर भागी,अंधेरे में खड़े पति ने
दरवाजे की ओर दौड़ लगाई और घर के अंदर जाकर
दरवाजा बंद कर लिया
पत्नी :-दरवाजा खोलो,नहीं तो मैं चिल्ला
चिल्ला कर सारे मौहल्ले को जगा दूंगी
पति :-खूब चिल्लाओ,जब तक सारे पड़ोसी जमा
ना हो जाएं, फिर मैं उनके सामने तुमसे पूछुंगा कि
आधी रात को कहां से आ रही हो वो भी nighty
में
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एक आदमी घर लौट रहा था..
रास्ते में गाड़ी खराब हो गयी…
रात काफी थी..
एकदम घना अंधेरा था…
मोबाईल का नेटवर्क भी नहीं था….
उसकी हवा खराब…
ना कोई आगे ना दुर दुर तक कोई पिछे …
अब उसने गाड़ी साइड में लगा दी और लिफ्ट के लिये किसी गाड़ी का इंतेजार करने लगे…
काफी देर बाद एक गाड़ी बहुत धीमे धीमे उनकी ओर बढ रही थी…
उसकी जान में जान आयी …
उसने गाड़ी रोकने के लिये हाथ दिया …
गाड़ी धीरे धीरे रूक रूक कर उसके पास आयी…
उसने गेट खोला और झट से उसमें बैठ गया।
लेकिन अंदर बैठकर उसके होश उड़ गये…
गला सुखने लगा…
आँखे खुली रह गयी …
छाती धड़कने लगी…
उसने देखा कि ड्राइविंग सीट पर कोई नहीं है…
गाड़ी अपने आप चल रही थी …
एक तो रात का अंधेरा …ऊपर से यह खौफनाक दृश्य …
उसको समझ नहीं आ रहा था अब क्या करूँ ..
बाहर जाऊँ की अंदर रहूँ …
वो कोई फैसला करता की सामने रास्ते पर एक मोड़ आ गया …
तभी दो हाथ उनके बगल वाले काँच पर पड़े और गाड़ी मुड़ गयी …
और फिर हाथ गायब …
अब तो उसकी सिट्टी पिट्टी गुम हो गयी…
हनुमान चालीसा शुरू कर दी…अंदर रहने में ही भलाई समझी …
गाड़ी धीरे धीरे ..रूक रूक कर आगे बढती रही …
तभी सामने पेट्रोल पंप नजर आया …
गाड़ी वहाँ जाकर रूक गयी …
उसने राहत की साँस ली और तुरंत गाड़ी से उतर गया ..
पानी पिया ..
इतने में उसने देखा एक आदमी गाड़ी की ड्राइविंग सीट पर बैठने के लिये जा रहा है…
वह दौड़ते हुये उसके पास पहूंचा और उससे कहा “इस गाड़ी में मत बैठो …मैं इसी में बैठकर आया हूँ … इसमें भुत है”
उस आदमी ने उसके गाल पर झन्नाटेदार थप्पड़ जड़ा और कहा…. तु बैठा कब रे इसमें? …तभी मैं सोचूँ गाड़ी एकदम से भारी कैसी हो गयी …
यह मेरी ही गाड़ी है…पेट्रोल खतम था तो पाँच कि.मी. से धक्का मारते हुये ला रहा हूँ ..”
मैं शर्ट खरीदने के लिये एक प्रतिष्ठित शो रूम के लिए गाड़ी से जा रहा था कि फोन की घण्टी बज उठी,
“सर, महावीर होटल से बोल रहे हैं, हमारे यहाँ गुजराती-फ़ूड-फेस्टिवल चल रहा है।
पिछली बार भी आप आये थे। आप विजिटर बुक में अच्छे कमेंट्स देकर गए थे, सर!”
“देखता हूँ”, कहकर मैंने फोन बंद कर दिया।
गाड़ी, थोड़ी आगे चली ही होगी कि फिर से एक कॉल आया, “सर, आपके जूते घिस गए होंगे। नए ले लीजिए।”
“कौन बोल रहे हो, भाई? आपको कैसे पता चला मेरे जूते घिस गए हैं?”
“सर, मैं सुंदर फुटवियर से बोल रहा हूँ। हमारी दुकान से आपने डेढ़ साल पहले जूते खरीदे थे। हमारा कंप्यूटर बता रहा है आपके जूते फट रहे होंगे या फटने ही वाले होंगे!”
“भैया, क्या ये जरुरी है कि मेरे पास एक जोड़ी जूते ही हों? वक़्त-बेवक्त इस तरह फोन करना कहाँ की सभ्यता है, मेरे भाई?”, कह कर मैंने फिर फोन काट दिया।
मैंने फोन काटा ही था कि घण्टी वापस घनघना उठी, “सर, आपकी गाड़ी की सर्विसिंग ड्यू हो गई है, छह महीने हो गए हैं।”
“भाई, आपको क्यों परेशानी हो रही है? मेरी गाड़ी की मैं सर्विसिंग करवाऊँ या न करवाऊँ? मेरी मर्ज़ी।
कोई प्राइवेसी नाम की भी चीज़ होती है, दुनिया में?”
गुस्से में मैंने फोन काट तो दिया पर वो एक बार फिर बज उठा, “सर, कल पैडमैन की आइनॉक्स में मैटिनी शो की टिकट बुक कर दूँ।” इस बार एक लड़की थी।
“क्यूँ मैडम?”
“सर, हमारा सिस्टम बता रहा है कि आप अक्षय कुमार की हर मूवी देखते हैं, इसलिये!”
मैं मना करते-करते थक चुका था, सो पीछा छुड़ाते हुए बोला, “चलो, बुक कर दो।”
“ठीक है, सर! मैं मोबाइल नम्बर नाइन नाइन टू….. वाली मैडम को भी बता देती हूँ। हमारा सिस्टम बता रहा है वो हमेशा आपके साथ टिकट बुक कराती रही हैं।”
अब तो मैं घबरा गया,
“आप रहने दीजिए।” कहते हुये मैंने एक बार फिर फोन काट दिया।
शो रूम पहुँचकर मैंने एक शर्ट खरीदी। बिल काउंटर पर गया तो उसने पूछा, “सर, आपका मोबाइल नम्बर?”
“मैं नहीं दूँगा।”
“सर, मोबाइल नंबर देने से आपको २०% लॉयल्टी डिस्काउंट मिलेगा।”
“भाई, भले ही मेरे प्राण माँग लो, लेकिन मोबाइल नम्बर नहीं दूँगा।”
मैंने दृढ़ता से जवाब दिया।
“सर, इतनी नाराजगी क्यों?”
“इस मोबाइल के चक्कर में मेरी प्रायवेसी की ऐसी की तैसी हो गई है।
मेरा नम्बर, पता नहीं कितनों में बँट गया है?
कल को नाई कहेगा, “सर, आपके बाल बढ़ गए होंगे!”
मुझे तो डर है की 60 की उम्र आते आते अर्थी वाला भी ये न कह दे कि,
“समय और बच्चों का आजकल कोई भरोसा नहीं है
अंतिम यात्रा के लिए एक सुन्दर-सी अर्थी बुक करवा लीजिये”
सरकारी मास्टर को दाँत निकलवाने का खर्च दाँत के डॉक्टर ने 1200 रुपए बताया.
मास्टर–” कोई सस्ता इलाज नहीं है डॉक्टर साहब ?
डॉक्टर—” बिना एनेस्थेसिया के 300 रुपए में हो जाएगा मगर दर्द बहुत सहना होगा। ”
मास्टर—” ठीक है डॉक्टर साहब, बिना एनेस्थेसिया वाला कीजिए। ”
डॉक्टर ने किया. उसे बड़ा आश्चर्य हुआ कि, मास्टर दर्द से ज़रा भी नहीं कराहा, बल्कि मुस्कुराता 😊 ही रहा.
काम होने के बाद आश्चर्यचकित डॉक्टर ने 300 रुपए फीस भी नहीं ली. बल्कि, अपनी तरफ से उसे 500 रुपए का ईनाम दिया कि, ऐंसा जाँबाज शख्स उसने जिंदगी में नहीं देखा।….
शाम को डॉक्टर्स क्लब में अन्य डॉक्टर्स के साथ उसने मास्टर नामक पेशेंट की जाँबाजी का किस्सा शेयर किया.
सारे डॉक्टर्स में से एक डॉक्टर उठा और चिल्लाया” अरे, वो मास्टर पहले मेरे पास आया था. मैंने उसे एनेस्थेसिया दिया और कहा कि वो आधा घंटा बाहर इन्तजार करे.
आधे घंटे बाद जब मैंने उसे बुलाया तो पता लगा कि वो तो भाग गया है.
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हर बाप का एक बाप होता है.
उसे हम“` *मास्टर जी* “`कहते है.
एक औरत विधवा पेंशन का फार्म भरने गयी…
अधिकारी – “कित्तो समय भओ आपके पति को गुजरे?”
महिला- बे तो अभै घरे परे. है…
अधिकारी- फिर बाई आप फार्म काये खों भर रई?
महिला- साहेब…”सरकारी काम में टेम तो लगत है न !
जब तक बे खतम होयें, तब तक बनइ जेहे ।
अक्ल कहती है, ना जा कूचा-ए-क़ातिल की तरफ;
सरफ़रोशी की हवस कहती है चल क्या होगा।
अगर भीगने का इतना शौक है बारिश में
तो देखो न मेरी आँखों में
बारिश तो हर एक के लिए होती है
लेकिन ये आँखें सिर्फ तुम्हारे लिए रोती हैं
…आशिक…
सूरत का कपड़ा का व्यापारी KBC में हॉट सीट पर !
अमिताभ बच्चन – फोन अ फ्रेन्ड में आप किस से बात करना चाहेंगे ?
*गुजराती* – अमितकुमार मेहता- लुधियाना
अमिताभ बच्चन – ये कौन है; आपके दोस्त, रिश्तेदार ?
*गुजराती* – नहीं सर l पेमेन्ट लेना है । फोन नहीं उठाता है ! आप कॉल करेगें तो जरूर उठायेगा पेमेन्ट का तकादा करेंगे ! सारी दुनिया सुनेगी । यदि यहाँ से कुछ नहीं जीता और वहाँ से पेमेंट आ गया तो मेरा काम हो जायेगा l
अमिताभ बच्चन- सर मै आपके पाँव छू कर आपका आशीर्वाद चाहता हूँ !
एक बार जंगल में एक बहुत बड़े से गड्ढे में एक शेर 🦁 गिर गया ।
परेशान होकर शेर 🦁यहाँ वहां देखने लगा पर उसे कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था ।
तभी वहां एक पेड़ में एक बन्दर 🐒आ गया , शेर को इस हाल में फंसा देखकर बन्दर🐵 , शेर का मजाक उडाने लगा , ” क्यों शेर तू तो राजा बना फिरता है , अब तो तेरी अकल ठिकाने आ गयी न,
अब शिकारी तुझे मारेंगे , तेरी खाल निकालकर दीवार पर सजायेंगे, तेरे नाखून और दांत 😁निकाल कर दवाई बनायेंगे ।
हँसमुखी चैनल पर तेरी न्यूज़ दिखाई जाएगी ?
तभी वो डाल जिसमें बन्दर बैठा था,टूट गयी और बन्दर सीधे शेर के सामने आ गिरा ।
गिरते ही बोला ” माँ कसम दादा माफ़ी मांगने के लिए कूदा हूँ !
हा हा हा !
वक़्त किसी का नहीं होता !
हँसते रहिये और लाइक भी करते रहिये
2 खूबसूरत लड़कियां लड़ाई कर रही थी..
हंगामा मचा दिया
पहली : ये मेरा है।
दूसरी : नही दूंगी, ये मेरा है।
फिर दोनों एक दूसरे के बाल खींचने लगी..
फिर क्या?
फिर दोनों रोने लगी
हुआ क्या ?
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होना क्या था
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“फोटो” फट गई तेरे भाई की…
कल 7 बजे पड़ोसन घर आयी,
मैंने दरवाजा खोला
तो वो बोली:-
कोई बात नहीं मैं फिर आ जाऊँगी।
मैंने दरवाजा बंद कर दिया।
7:30 बजे वो दोबारा आई,
औऱ दरवाजा खोलते ही बोली:-
कोई बात नही मैं थोड़ी देर में आ जाऊँगी।
मेरे बात समझ नहीं आई, मैंनै दरवाजा फिर बंद कर दिया।
8 बजे वो फिर आई,
दरवाजा खोला तो बोली कोई बात नही ,
मैं कल आ जाऊँगी।
मैंने बोला :- रूको भाभी रुको ,ये चक्कर क्या है???
तीन बार आयी,और हर बार बोलती हो बाद में आऊँगी!
पड़ोसन बोली:-मैं जब भी आती हूँ आपके हाथ में चम्मच मिलती है,मैं सोची आप खाना खा रहे हो तो बाद में आ जाऊँ।
मैंने बोला— अरे बावली ये चम्मच तो हम कुण्डी में लगाते है….
*एक ऐसा चुटकला जो चुटकला नहीं है*
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एक पर्यटक, ऐसे शहर मे आया जो शहर उधारी में डूबा हुआ था !
पर्यटक ने Rs 500 का नोट होटल और रेस्टोरेंट के काउंटर पर रखे और कहा मैं जा रहा हूँ आपके होटेल के अंदर कमरा पसंद करने!
होटल का मालिक फ़ौरन भागा घी वाले के पास
और उसको Rs 500 देकर घी का हिसाब
चुकता कर लिया !
घी वाला भागा दुध वाले के पास और जाकर
Rs 500 . देकर दुध का हिसाब पूरा करा लिया !
दुध वाला भागा गाय वाले के पास और गाय
वाले को Rs 500. देकर दुध का हिसाब पूरा करा दिया !
गाय वाला भागा चारे वाले के पास और चारे
के खाते में Rs 500 कटवा आया !
चारे वाला गया उसी होटल पर ! वो वहां कभी
कभी उधार में रेस्टोरेंट मे खाना खाता था।
Rs 500 देके हिसाब चुकता किया !
पर्यटक वापस आया और यह कहकर अपना Rs 500 का नोट ले गया कि उसे कोई रूम पसंद नहीं आया !
*न किसी ने कुछ लिया*
*न किसी ने कुछ दिया*
सबका हिसाब चुकता !
बताओ गड़बड़ कहाँ है ?
*कहीं गड़बड़ नहीं है बल्कि यह सभी की गलतफहमी
है कि रुपये हमारे है।*
*खाली हाथ आये थे,*
*खाली हाथ ही जाना है।*
*विचार करें और जीवन का आनंद लें।
एक जगह बोर्ड लगा था – “अच्छी किताबें 🔰 पढ़ें, प्रेरणा देंगी….!!”
उस रात गुप्ता जी 🔟 अच्छी किताबें पढ़ कर सो गए.. 😴
फिर भी प्रेरणा ने देने से मना कर दिया..!!
बेटा:
“Wife, बीवी, पत्नी, श्रीमती, औरत, अर्धांगिनी, घरवाली…
इन सब में क्या अंतर है…?”
पिता:
“बेटा, इतना मत सोचो
मुसीबत एक… नाम अनेक…”
एक बहुत ही पहुंचे हुए संत थे।
ध्यान, साधना के जानकार, हमेशा मुस्कुराते रहते थे। 😜😜😜
आने वाले शिष्य उलटा, सीधा कुछ भी पूछें हमेशा हंस कर जबाब देते थे। 🤪🤪
गुस्सा तो कभी आता ही नहीं था, गज़ब का धैर्य था 😋😋😋
😁😁😁 उनकी ख्याति दूर दूर तक थी।
एक बार एक पत्रकार ने उनका इंटरव्यू लेते हुए पूछा,
“बाबा, आप के गुरु कौन हैं? 🧐
आपने ये धैर्य, ध्यान और साधना की शिक्षा कहाँ से ली?” 🤣🤣🤣
संत ने उस पत्रकार की और प्रेम से देखा और साँस छोड़ते हुए, कहा:🤪🤪🤪
*बेटा, मैने, 20 साल, लेडीज़ सूट के शोरूम पर काम किया है।*
मुझे कुछ पैसों की जरुरत पड़ी, मैने अपने कॉंग्रेस के मित्रों से ब्याज पर मांगे तो उन्होंने पूछा,
“वापस कब दोगे.. ?”
मैं बोला,
“राहूल गांधी के प्रधानमंत्री बनने के एक हफ्ते के बाद आपके पैसे दे दूंगा…”
मेरे सारे कॉंग्रेस के दोस्त भड़क गए, बोला,
“उल्लू बना रहा है क्या… ?”
मैंने पूछा, *”कौन* …. ?”
*एकदम सन्नाटा* ..