तुम्हे पहली बार मैंने तब नोटिस किया था,
जब किसी शाम तुम एक सब्ज़ी वाले से झगड़ा कर रही थी।
उसे डांटते वक़्त तुम्हारी आवाज़ इतनी तेज़ थी
कि मुझे मेरे कमरे तक सब सुनाई दे रहा था।
जब मैं बालकनी में आया तो तुम्हारा गुस्से से लाल चेहरा
देख हाथ बाँध कर आनंद लेने लगा।
दाँत पीस कर जिस
तरह तुम उस सब्जी वाले से उलझी थी,
मैं तो वही देख कर बिछ गया था।
तुम्हारे घर से अक्सर पुराने गीत की मधुर ध्वनियाँ मेरे
कमरे तक सुनाई देती है।
“माँग के साथ तुम्हारा मैंने..,
ढल गया दिन..,
मेरे साजन..”
मतलब गज़ब प्लेलिस्ट है तुम्हारी,
हू-ब-हू मेरी प्लेलिस्ट की तरह। बस मैं किशोर को थोड़ा ज़्यादा prefer करता हूँ।
थोड़ा स्पष्ट सुनने के लिए अब मैं बालकनी में आ गया
था।
तुम चाय का कप लिए नीचे खेल रहे बच्चों को देख रही थी।
शायद तुम इस बात से बेफिकर थी कि मैं
बगल खड़ा तुम्हें देख रहा था।
या यूँ कहूँ कि घूर रहा था।
तुम एकदम से मेरी ओर मुड़ी
और मैंने भी कितनी
स्फूर्ति से अपनी आँखों को तुमसे हटाकर दूसरी तरफ
देखने का नाटक किया।
शायद ये सही मौका नहीं था बात करने का।
या शायद इससे अच्छा मौका न मिलता।
एक आदर्श मोहल्लावासी होने के नाते मैंने अपनी
मौजूदगी दर्ज करानी चाही ही थी कि तुम्हारी माता जी ने तुम्हे आवाज़ लगा दी।
और तुम अंदर चली गयी।
इसके बाद कभी कोई ठीक ठाक मौका
ही नहीं मिला तुमसे मुखातिब होने का।
फिर एक दिन मैं छत पर लैपटॉप लिए बैठे जाने क्या
कर रहा था,
कि तुम भी एक हाथ में बाल्टी, दुसरे में चिमटियां थामे छत पर आ गयी।
और एक-एक करके
कपड़े फैलाने लगीं तारों पर।
जितनी बार तुम कपड़े
तारों पर डालने से पहले उन्हें झटकती,
उतनी बार तुम्हारी चूड़ियाँ झनझना उठती थी।
उसका शोर पूरी छत पर गूँजता रहा था।
एकदम हाय-हुक-हाय-
हाय वाले गाने की फीलिंग आ रही थी।
तभी मेरी फोन की घंटी बजी
और तुमने देखा की मैं भी वहाँ
चोरों की तरह बैठकर,काम करने की एक्टिंग कर रहा हूँ।
तुम सकपका गयीं।
लेकिन मैंने माहौल पे पकड़
बनाये रखने के लिए तुरंत बोल दिया..
“आज धूप बहुत तेज़ है न!”
“हाँ, सो तो है।
लेकिन क्या किया जाए,
कपड़े तो धुलने ही पड़ेंगे।”
“ये बात तो है,
कोई मदद करूँ आपकी?”
“कपड़े धोने में? ”
“अरे मतलब कपड़े सुखाने में ”
“अरे नहीं मैं कर लूँगी”
“वैसे आपको किसी भी तरह की ज़रूरत हो तो बता
सकती हैं आप, बेझिझक।”
“जी बिलकुल ”
हालाँकि ये एक बहुत औपचारिक वार्ता थी,
लेकिन इस वार्ता के बाद ये स्पष्ट था कि अभी संभावनाएं हैं।
किस चीज़ की, ये पता नहीं,
लेकिन इतना ज़रूर है
कि तुम्हारे आने से अब छत का माहौल बदला सा है,
बाल्कनी अब सूनी नहीं लगती।
मोहल्ला मानो मुकम्मल हो गया हो तुम्हारे आने से,
और मैं भी!!!

Loading views...



कहने को तो कोई दूरी नही तेरे मेरे दरम्यान फिर भी फासले बहुत हैं..
पता नही कब मिलोगी क्योकि तेरी मेरी जात अलग है!

Loading views...

आपका प्यार हमेशा
आपका पीछा करता है
हमेशा आपके पीछे-पीछे चलता है,
ज़रूरत होती है तो, बस…
इक नज़र पीछे मुड़कर देखने की
लेकिन दूसरों को
अपनी मौज़ूदगी समझाने में
उनके ‘हां’ के इंतज़ार में
आप उस शख़्स को खो देते हैं
जो आपसे प्यार करता है
फिर उसका ना आना कोसते हैं
और फिर प्रेम को…

Loading views...

ये दोस्ती का रिश्ता भी कितना अजीब होता है…….
दूरिया होते हुए भी दिल कितने करीब होता है……..!!!
नही देखते हम रंग,जाति और हैसियत को
क्यों की ये सभी रिस्तो से ज़्यादा अजीज होता है……..!!!!!

Loading views...


Hum lakh chupaye peyar magar duniya ko pata chal jayega..
Lekin chup chup ke milne se milne ka maza to ayega..

Loading views...

सुन मेरे हमसफ़र क्या तुझे इतनी सी है खबर
तेरी गलियों में इस कदर आओ ना यह खबर
कितनी हंसी है मुलाकातें हैं उनसे भी प्यारी तेरी बातें हैं
बातों में जो तेरे खो जाते हैं आओ ना होश में मैं कभी बाहों में है मेरी जिंदगी हो

Loading views...


सर्दी की खिलखिलाती धूप में यूँ, 4 बजे नहाकर आना
औऱ फिर अपने बालों को सँवारना औऱ बालों से मूँछ बनाना ।
कसम से सलमा दिल चुराना कोई तुमसे सीखे

Loading views...


हम कुंवारे है इसलिए सुबह सुबह इधर पोस्ट लिखकर वक्त गुजार रहे है 😓😓😓
शादीशुदा लोगो को तो उनकी बीवियां अपनी गीली जुल्फों से जगा रही होगी .

Loading views...

ये जो रात की बाते हैं
सब राज़ की बाते हैं;
उजाले में जो कह ना सके
कुछ इसी मिज़ाज़ की बाते हैं

Loading views...

ये जो “ओफ्फो” करके परेशान सी हो जाती हो,
दोनों हाथ कमर पर टिका कर ठिठक सी जाती हो,
माथे पे आती लट को फूँक से हिलाती हो,
फिर मुँह में क्लचर दबा के दोनों हाथ से पोनी बनाती हो,
बाखुदा..बवाल लगती हो

Loading views...


RONe se chehre pr pimple prte hain😩 👈
TENSION se wrinkle prte hain😔👈
islye sada muskurao 😀 👈
muskurany se chehre pr DIMPLE prte hain🤪 👈🤪😜

Loading views...


चाहो तो तुम भी हाल पूछ सकते हो हमारा,
कुछ हक….दिए नहीं जाते…लिए जाते है…
Good morning

Loading views...

सुनो इन सर्दियों में अब मेरे होंठ फ़टने लगे हैं
तुम अपने होंठों से इन्हें सिल दो ना

Loading views...


उस सपने वाले चुम्मे का भी क्या बखान करे यारो ,
उसके आगे तो सुबह की चाय भी फीकी लग रही है

Loading views...

तेरा दिल धड़के न धड़के मेरे लिए
मेरा दिल तो धड़कता है ना तेरे लिए

Loading views...

आखिर किस कदर खत्म कर सकते है उनसे रिश्ता,
जिनको सिर्फ महसूस करने से हम दुनिया भूल जाते है।

Loading views...