वो कहती है मेरे पास रहो…आस पास रहो…
मेरे इश्क़ में दिन रात रहो,यानि कि …
बर्बाद थे ,बर्बाद हो ,बर्बाद रहो…!!



कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी;
कभी याद आ कर उनकी जुदाई मार गयी;
बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने;
आखिर में उनकी ही बेवफाई मार गयी।

हमारी कहानी क्यों लिखे
जिसके लिखनी थी वो तो पराये हुवे
good morning friends

पानी फेर दो इन पन्नों पे, ताकी धुल जाये स्याही सारी..
जिन्दगी फिर से लिखने का मन होता है कभी-कभी..!!


Udaas Hoon Par Tujhse Naraz Nahi..
Tere Dil Mein Hoon Par Tere Pass Nahi..
Waise To Sab Kuch Hain Mere Pass..
Par Tere Jaisa Koi Khass Nahi…

आज फिर रूला गया उस विधवा औरत को…
क्या जरूरत थी.. ऐ चुड़ीवाले तुझे उसके घर जाने की..


जिंदगी सुंदर है पर मुझे.*
*जीना नहीं आता,*
*हर चीज में नशा है पर मुझे.*
*पीना नहीं आता,*
*सब मेरे बिना जी सकते हैं,*
*र्सिफ मुझे अपनों के बिना….*
*जीना नहीं


दीदार की तलब हो तो नजरे,
जमाए रखना गालिब,
नकाब हो या नसीब सरकता जरूर है

आज परछाई से पूछ ही लिया क्यों चलती हो, मेरे साथ ….. उसने भी हँसके कहा, दूसरा और कौन है तेरे साथ

क्यु नाराज होते हो ,
मेरी इन नादान हरकतों से.
कुछ दिन की जिंदगी है ,
फिर चले जायेंगे ,
तेरी इस दुनिया से..


Ajib usul hai is duniya ka
Jinde ko girane ka
Aur murde ko uthane ka

Moin khan


देकर मुझे खुशी रोने के लिए छोड़ दिया ,
बन के ज़िंदगी मेरी मुझे मरने के लिए छोड़ दिया,,,,,
गग्गी गुन्हागार

मोहबत को जो निभाते हैं उनको मेरा सलाम है,
और जो बीच रास्ते में छोड़ जाते हैं उनको,
हुमारा ये पेघाम हैं,
“वादा-ए-वफ़ा करो तो फिर खुद को फ़ना करो,
वरना खुदा के लिए किसी की ज़िंदगी ना तबाह करो”


-Karo Phir Sey Koi Waada,
Kabhi Na Phir Bicharrney Ka
Tumhein Kya Fark Padta Haii Bicharney Mein Mukarney Meiin .. ‘

ना चाहत के अंदाज़ अलग,
ना दिल के जज़्बात अलग…
थी सारी बात लकीरों की,
तेरे हाथ अलग मेरे हाथ अलग…

~Aaj Ki Shaam Bhii Qayamat Kii Tarha Guzrii,
Na’Jane Kya Baat Thii Har Baat Pe Tum Yaad Ay .. ‘