कोई फर्क नही पडता कि आपकि,
शायरी और कविताएँ कितनी अच्छी है
क्योकि कुछ लोग इन्हे इस लिए पसंद नही करते,
क्योकि वह आपकी होती है



वक़्त और हालात के हिसाब से बदल लिया है खुद को,
.
वरना
.
दुश्मन तो हमारी जूते के निशान देख के खौफ खा जाते है…!!

कर्मो’ से ही पहेचान होती है इंसानो की…

महेंगे ‘कपडे’ तो,

‘पुतले’ भी पहनते है दुकानों में !!

Mat fak pani m pathar
use bhi koi pita h
mat rah zingdagi m udas
tumhe dekhkar bhi koi gita h


नजरे झुका कर बात कर पगली,
जितने कपड़े है तेरे पास उतने
तो मै रोज लफड़े मे फाड़ देता हु

मुमकिन न होगा यूँ
भूल जाना मुझको,
तेरा गुनाह हूँ याद अक़्सर आऊंगा


तू गया है इस बार तो
लौट के मत आना !!

अब तुझे पाने की वो चाह
खत्म सी हो रही है !!


अब मत करो हमसे तुम मोहब्बत की बातें,
जिन किताबों से, तुमने मोहब्बत सीखी है.
वो लिखी भी हमने ही थी….!!

मेला लग जायेगा उस दिन शमशान मे, 

जिस दिन मे चला जाँऊगा आसमान मे

Mere Lafz Agar Us Tak Pahunch Jayein
To Bas
Itna Keh Dena,
Hum Jaise Log Ek Baar Kho Jayein To
Phir
Dobara Nahi Milte


ਟੌਰ ਰੱਖਣੀ ਏ ਪੂਰੀ ਰਹਿਣਾ ਬਣ ਕੇ ਸ਼ੌਕੀਨ ਮਿੱਤਰੋ
ਇੱਕੋ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਦਿੱਤੀ ਰੱਬ ਨੇ ਨਜ਼ਾਰੇ ਪੂਰੇ ਲੈਣੇ ਮਿੱਤਰੋ..


“सिर्फ आसमान छू लेना ही कामयाबी नहीं होती
असली कामयाबी तो वो होती है कि
आसमान भी छू लो और पाँव भी जमीन पर रहें।”

उसे लगता है
की उसकी चालाकियाँ मुझे समझ
नही आती
मै बड़ी खामोशी से देखता हु
उसको अपनी नजर से गिरते हुए


पगली‬ जितनी तेरे शरीर मे हड्डिया‬ है,
उससे जादा तो कोलेज‬ मे सेट मुझसे ‪लडकिया‬ है.

अपने खिलाफ बातों को अक्सर मैं ख़ामोशी से सुनता हूँ क्योकि जवाब देने का हक़.. मैंने वक़्त को दे रखा है

मेरे कुछ सवाल है जो सिर्फ
कयामत के दिन पूछूंगा तुमसे..
कयोंकि उससे पहले तुम्हारी और मेरी बात हो सके..
इस लायक नहीं हो तुम