जिँदगी से हम अपनी कुछ भी उधार नही लेते
.
कफन भी लेते है तो अपनी जिँदगी देकर



ज़िंदगी भर मौत के लिए दुआ करते रहे खुद से..

और जब जीना चाहा तो दुआ क़बूल हो गई…!!

ज़िंदगी भर मौत के लिए दुआ करते रहे खुद से..

और जब जीना चाहा तो दुआ क़बूल हो गई…!!

दर्द कहां मोहताज़ होता है शब्दों का

बस दो आंसू ही काफ़ी है,
बयां करने को…..!!


किसी को भूलने की कोशिश ना करना कभी,
ये दवा जख्मो को और भी हरा कर देती है…!!

ऐसा तो नहीं कि ये ज़िन्दगी हमको प्यारी नहीं,.
वो अलग बात है कि तुम्हारे बिना ये हमारी नहीं….


जिधर देखो, उधर मिल जायेंगे, अखबार नफरत के
बहुत दिन से, मोहब्बत का न देखा, एक खत यारों


आखिर कैसे भुला दे हम उन्हें….
मौत इंसानो को आती है यादो को नहीं……!!

कैसे भुला देते हैं लोग तेरी खुदाई को, या रब!
मुझसे तो तेरा बनाया हुआ एक शख्स, भुलाया नहीं जाता……..

कैसे भुला देते हैं लोग तेरी खुदाई को, या रब!
मुझसे तो तेरा बनाया हुआ एक शख्स, भुलाया नहीं जाता……..


तुम्हारा जिक्र ,तुम्हारी फिक्र, तुम्हारा एहसास…
तुम खुदा नहीं फिर, हर जगह मौजूद क्यों हो


होंठों की हँसी को न समझ हकीकत-ए-ज़िंदगी,
दिल में उतर कर देख कितने टूटे हुये हैं हम!

चलो बिखरने देते है जिंदगी को अब,
सँभालने की भी तो एक हद होती है…!


जो समझते थे की पैसे से सब कुछ खरीदा जा सकता है,
प्यार के लिए पल-पल तरसते मैंने ऐसे कई लोग देखे हैं…

दुश्मनी जम कर करो लेकिन इतनी गुंजाइश रहे,
जब कभी हम दोस्त हो जायें तो शर्मिंदा कोई न हो..

दिल जहाँ ले जाये दिल के साथ जाना चाहिए,
क्योंकि दिल से बढ़कर कोई रहनुमा नहीं होता.