तुझे पाने की चाह में इतना कुछ खोया है,
की अब तू मिल भी जाए तो भी अफ़सोस होगा।
मुस्कुरा के देखो तो सारा जहाँ रंगीन है।
वर्ना भीगी पलकों से तो आईना भी धुंधला दिखता है।।
मुस्कुरा के देखो तो सारा जहाँ रंगीन है।
वर्ना भीगी पलकों से तो आईना भी धुंधला दिखता है।।
मुस्कुरा के देखो तो सारा जहाँ रंगीन है।
वर्ना भीगी पलकों से तो आईना भी धुंधला दिखता है।।
तेवर तो हम वक्त आने पर दिखायेँगेँ..
शहर तुम खरीद लो हूकूमत हम चलायेँगेँ
कैसे बुरा कह दूँ तेरी बेवफाई को,
यही तो है जिसने मुझे मशहूर किया है…
मुझे मालूम है कि ये ख़्वाब झूठे हैं और ख़्वाहिशे अधूरी हैं …
मगर जिंदा रहने के लिए कुछ ऐसी ग़लतफ़हमियाँ जरूरी हैं
मोह्ह्ब्ब्त की कहानी को मुकम्म्ल नही कर पाये…
अधूरा था जो किस्सा अधूरा ही छोड आये
मोह्ह्ब्ब्त की कहानी को मुकम्म्ल नही कर पाये…
अधूरा था जो किस्सा अधूरा ही छोड आये
अच्छा हुआ तूने ठुकरा दिया ..
तेरा प्यार चाहिये था, एहसान नही
वो ना ही मिलते तो अच्छा था…
बेकार में मोह्हबत से नफ़रत हो गयी
पत्थर भी मारोगे तो भर लेंगे झोली अपनी …
हम यारो के तोहफ़े कभी ठुकराया नही करते
मेरी बरबादियों में तेरा हाथ है मगर…….
में सबसे कह रहा हूँ ये मुकद्दर की बात है…
मेरी बरबादियों में तेरा हाथ है मगर…….
में सबसे कह रहा हूँ ये मुकद्दर की बात है…
रखते थे जो मरने कि बात पे मेरे होठों पे उगंलीया
अफसोस वही मेरे कातिल निकले
तु मिले या न मिले ये मेरे मुकद्दर की बात है..
”सुकुन” बहुत मिलता है तुझे अपना सोचकर