पेड़ को काटने आये हैं कुछ लोग,
मगर,
धूप बहुत तेज है तो,
उसकी छांव में बैठे हैं……….



‎लाख‬ दिये ‪‎जलाले‬ अपनी ‪‎गली‬ मे..
मगर ‪रोशनी‬ तो ‪हमारे‬ आने से ही ‪‎होगी‬.

इंसान सिर्फ आग से नहीं जलता,
कुछ लोग तो हमारे अंदाज से जल जाते है।


आप जिस पर आँख बंद करके भरोसा करते हैं,
अक्सर वही आप की आँखें खोल जाता है.

खवाहिश नही मुझे मशहुर होने की …
आप मुझे पहचानते हो बस इतना ही काफी है…


कमज़ोर पड़ गया है मुझसे तुम्हारा ताल्लुक …
या कहीं और सिलसिले मजबूत हो गए हैं..


हाथ की लकीरें भी कितनी अजीब हैं,
हाथ के अन्दर हैं पर काबू से बाहर…

किसी ने धूल क्या झोंकी आखों में,
पहले से बेहतर दिखने लगा है.

यूँ गुमसुम मत बैठो पराये से लगते हो,
मीठी बातें नहीं करना है तो चलो झगड़ा ही कर लो…!!


हमने तुम्हें उस दिन से और ज़्यादा चाहा है,
जबसे मालूम हुआ के तुम हमारे होना नही चाहते.


पुछा उसने -मुझे, कितना प्यार करते है?
मै चुप रहा यारो क्योकि, मुझे तारो की गिनती नही आती..


Jo Tu Waada Kar Le, Meri Khamoshi Ko Parhne ka…
.
.
Khilone Ki Tarah Be-Awaaz Hone Ko Tayaar Hoon Mei…!

doob si gai hai gunaho mai meri zindagi ‪eY‬ RAB…….
karde rehmat mujh par bhi kahen gunahgaar hi na mar jaun ..

Badal gae hain ab hum dono …!
Na woh manti hai , na mai roht’ta Hun …!!!