बात तो सिर्फ जज़्बातों की है वरना,
मोहब्बत तो सात फेरों के बाद भी नहीं होती.



आदत बना ली है….मैंने खुद को तकलीफ देने की,
ताकि जब कोई अपना तकलीफ दे तो फिर तकलीफ न हो.

कौन है इस जहाँ मे जिसे धोखा नहीं मिला,
शायद वही है ईमानदार जिसे मौक़ा नहीं मिला

जुबां तीखी हो तो खंजर से गहरा जख्म देती है,
और मीठी हो तो वैसे ही कत्ल कर देती है.


“अब ढूँढ़ रहे है वो मुझ को भूल जाने के तरीके…,
तो दूर हो कर उनकी मुश्किलें आसन कर दी हमने।”

टूट सा गया है मेरी चाहतो का वजूद….
अब कोई अच्छा भी लगे तो हम इजहार नहीं करते


Diye hain zindagi ne zakhm aese,
.
Ke jin ka waqt bhi marham nahin hai “


किस किस तरह से छुपाऊँ तुम्हें मैं….
मेरी मुस्कान में भी नज़र आने लगे हो तुम…!!!!

हद से ज्यादा प्यार तब करो जब सामने वाला तुम्हारे प्यार के काबिल हो,
क्यूंकि बेवफा लोगों पर प्यार लुटाने वाले लोग बर्बाद हो जाते है !!


सूना है प्यार में लोग जान तक दे देते है….
पर जो लोग “वक्त” नहीं देते वो जान क्या देंगे….!!


ठुकराया हमने भी बहुतों को है…तेरी खातिर,,,
तुझसे फासला भी शायद…उन की बददुआओं का असर हैं …!!!!

ये मत सोचना की हम जुदा हो गए तेरी याद से,
बस तेरी ख़ुशी की खातिर तुझसे बात करना छोड़ दिया ..!!


इस नाज़ुक दिल मे किसी के लिये इतनी मोहब्बत है,
हर रात जब तक आँख भीग ना जाये नींद नही आती…..!!!!!

कलम में जोर जितना है जुदाई की बदौलत है…
मिलने के बाद लिखने वाले लिखना छोड़ देते है…

Badal jate hai Wo Log bhi Waqat ki trah…
Jinhe Hum Hadd se Jyada Waqat dete hai…!!