कैसे करे इंतजार तेरे लौट आने का,
अभी दिल को यकीन नहीं हुआ है तेरे चले जाने का !



मोहब्बत में हमेशा अपने आप को बादशाह समझा हमने
मगर एहसास तब हुआ जब किसी को माँगा फकीरों की तरह

वादो से बंधी जंजीर थी जो तोड दी मैँने,
अब से जल्दी सोया करेंगे , मोहब्बत छोड दी मैँने….

दिल में जोर से दस्तक दे रहा है कोई…
लगता है यादों के आने का वक़्त हो गया..


हम तो खुशियाँ उधार देने का कारोबार करते हैं,
कोई वक़्त पे लौटाता नहीं, इसलिए घाटे में हैं !!

मेरे दिल की पुकार तेरे दिल तक कभी जाती तो होगी !
रोज नहीं तो कभी न कभी मेरी याद आती तो होगी


चंद पन्ने क्या फटे ज़िन्दगी की किताब के.
ज़माने ने समझा हमारा दौर ही ख़त्म हो गया.


मालूम नहीं मुझे मेरी फितरत में क्या है ‘
ये तो वो दिन बताएगा जब मेरे जाने की खभर आएगी.

“मैं कोई छोटी सी कहानी नहीं था…..
बस पन्ने ही जल्दी पलट दिए तुम नें …

ना सलाम याद रखना ना पैगाम याद रखना।
छोटी सी तमन्ना है ऐ दोस्त मेरा नाम याद रखना।


आप कब सही थे। इसे कोई याद नही रखता।
लेकिन आप कब गलत थे इसे सब याद रखते है।…


इतना आसान नही जीवन का किरदार निभा पाना,
इंसान को बिखरना पड़ता है रिश्तो को समेटने के लिए.


रिश्ते खराब होने की एक वजह ये भी है,
कि लोग झुकना पसंद नहीं करते.

मैं हँसता हूँ तो बस अपने ग़म छिपाने के लिए..
और लोग देख के कहते है काश हम भी इसके जैसे होते.

एक से टूटा तो दूसरे ✔ से जोड़ लेते हैं,
आजकल रिश्ते भी वाई फाई के नेटवर्क की तरह हैं.