सच के रास्ते पे चलने का.. ये फ़ायदा हुआ,
रास्ते में कहीं भीड़ नहीं थी ।



नदी बहती थी मौहब्बत की हम दोनो के दरमिंया….
तुम तैर कर बाहर आ गये…और हम आज तक उसमें डूबे हैं

*न जाने कैसी “नज़र” लगी है “ज़माने” की…*
कमब्खत *”वजह”* ही नही मिलती *”मुस्कुराने”* की.

ख्त्म कर दी थी…. जिन्दगी की ……हर खुशियाँ ….तुम पर,….*
*कभी फुर्सत मिले …..तो सोचना …..मोहब्बत किसने की थी……*


दिल पे लगे वैसे तो घाव बहुत है
एक तेरा बिछड़ना खामोश कर गया….

अजीब है इन्सान की शख़्सियत यारों,
हवस ख़ुद की उठती है “तवायफ़” उसे बोलता है…


तेरे चेहरे पे ये शिकन हमें मंजूर नही…!!!
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सुनों तुम खुश रहा करो मैं रहूँ न रहूँ…!!


गुनाह यार ए मोहब्बत हुआ है मुझसे…!!!
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गुजारिश है कोई मेरे दिल को फांसी दे दो…!!!

फिर से हो रही थी मोहब्बत उन्हें मुझसे….
ना खुलती आँख तो ,बस वो मेरे हो ही चुके थे…
..✍♡💕

ये भी एक तमाशा है, इश्क और मोहब्बत में
दिल किसी का होता है और बस किसी का चलता है.


भुलने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता,..
मैंने नहीं मेरे दिल ने चुना है तुम्हे


अगर आप अपनी रोटी अच्छी पका रहे है तो,
#मक्खन लगाने वाले अपने आप आपके पास आ जाएँगे.


एक सचा प्यार चाहे दो पल के लिए ही क्यों ना हो
मगर जिंदगी भर के लिए एहसास दे जाता है

देख पगली दिल मेँ प्यार होना चाहिए…
धक-धक तो Royal Enfield भी करता है!