हजारों गम हो फिर भी मैं खुशी से फूल जाता हूँ…
जब हंसती मेरी मां, मैं हर गम भूल जाता हूँ…
ख़्वाहिशों की चादर तो कब की तार तार हो चुकी…
देखते हैं वक़्त की रफ़ूगिरी, क्या कमाल करती है|
हमारी तो ज़ुबान भी इतनी बात नहीं करती ••
जितनी तुम्हारी आंखें करती है
कोई ख़ास फ़र्क नहीं पड़ता अब ख़्वाहिशें अधूरी रहने पर…
बहुत करीब से कुछ सपनों को टूटते हुए देखा है मैंने… :’)
कितने ही दिल तोड़ती है ये फरवरी…,
..यूं ही नही बनाने वाले ने इसके दिन घटाये होंगे… )
बयां ना करूँ तो थम जाएगा साँसों का सिलसिला शायद,
जो लफ़्ज़ों में पिरो लूँ तो दिल में थोड़ा सुकूँ सा लगता है।
मेरी आँखों की औकात नही की किसी लड़की को घूर सके,
याद रहता है खुदा ने एक बहन भी मुझे दी है…
माँ तो माँ है जो पहेचान ही लेती है,*
*की आँखें सोने से लाल है या रोने से !!
सोच रहा हूँ कुछ ऐसा लिखू
की वो पढ़ के रोये भी ना और रातभर सोये भी ना..|•
manjeet kherki….
यूँ तो मोहब्बत की सारी हकीक़त से वाकिफ है हम,
पर उसे देखा तो सोचा चलो ज़िन्दगी बर्बाद कर ही लेते है
किसी की मजबूरी का….मजाक ना बनाओ यारों..!!
ज़िन्दगी कभी मौका देती है तो कभी धोखा भी देती है..!!
कुछ इस तरह खूबसूरत रिश्ते टूट जाया करते हैं,
जब दिल भर जाता है तो लोग अक्सर रूठ जाया करते हैं
देख तेरी आँखे भी कमाल करती हैं,
मुझ से पर्सनल_पर्सनल सवाल करती हैं..!
~सुना है कि तुम रातों को देर तक जागते हो
यादों के मारे हो या मोहब्बत में हारे हो l
दोनों साथ गये हैं वक्त बिताने डिनर पर..
बातें मगर उनसे.. मोबाइल कर रहा है!
~देख जिँदगी तू हमे रुलाना छोड दे
अगर हम खफा हूऐ तो तूझे छोड देँगे