अपनी मौत भी क्या मौत होगी ,,
एक दिन यूँ ही मर जायेंगे तुम पर मरते मरते !! :’)
तुम ना मिले तो जीते जी ही मर जायेंगे,
तुम्हें जो पा लिया तो मर कर भी जी जायेंगे।
हमने कहाँ आज कुछ मीठा बनाओ
उन्होंने ऊगली अपने होठो पर रख दी !
नींद छीन रखी है उसकी यादों ने,
गिला उसकी दूरी से करें या अपनी चाहत से !!
हिसाब बराबर करने का बड़ा शौक़ रखते हो न तुम…..
देखो मैंने याद किया है तुम्हें,लो अब तुम्हारी बारी।।
अपनाने के लिए हजार खूबियाॅ भी कम है
और छोडने के लिए एक कमी ही काफी है।
वह मेरा वेहम था की वो मेरा हमसफ़र है।
वह चलता तो मेरे साथ था पर किसी और की तलाश में।
कहाँ जाऊंगा तुम्हें छोड़ के ••
तेरे बिना रात नही गुजरती जिंदगी क्या गुज़रेगी..
उसने देखा ही नहीं अपनी हथेली को कभी,
उसमे हलकी सी लकीर मेरी भी थी।
अनपढ़ लोगो की वजह से ही हमारी मातृभाषा बची हुई हैं साहब
वरना पढ़े हुए कुछ लोग तो राम राम बोलने में भी शरमाते हैं
बुरी आदतें अगर वक़्त पे ना बदलीं जायें,
तो वो आदतें आपका वक़्त बदल देती हैं… 👌
लाख समझाया उसको की दुनिया शक करती है..
मगर उसकी आदत नहीं गयी मुस्कुरा कर गुजरने की.!
ये दुनियाँ के तमाम चेहरे तुम्हें गुमराह कर देंगें..
तुम बस मेरे दिल में रहो, यहाँ कोई आता जाता नहीं
इक झलक जो मुझे आज तेरी मिल गयी मुझे
फिर से आज जीने की वजह मिल गयी
अनदेखे धागों में, यूं बाँध गया कोई,
की वो साथ भी नहीं, और हम आज़ाद भी नहीं !!
मांग लूँ यह मन्नत की फिर यही जहाँ मिले..
फिर वही गोद फिर वही माँ मिले..