अगर में कहुँ उदास हु तुम बिन तो तुम लौट आओगी ना
छोटा सा सपना है मेरा, जो रोटी में खाऊ वो तू बनाये..
मिट जाते है औरों को मिटाने वाले . लाश कहा रोती है, रोते है जलाने वाले
त्यौहारों के बहाने ही सही, रिश्ते तो घर लौट आते है…
मुकाम वो चाहिए मुझे, की जिस दिन भी हारु , . उस दिन जीतने वाले से ज्यादा मेंरे चर्चे हो
~La’Parwah Haii Woh Zamaney Bhar Ka, Phiir Bhi Accha Lagta Hai Zamaney Bhar Se .. ‘
तुमसे ऐसा भी क्या रिश्ता हे? दर्द कोई भी हो.. याद तेरी ही आती हे।
~Woh Matlab Se Miltey Haiin Aur, Hameiin Siirf Milney Se Matlab Haii .. ‘
शाख से फूल तोड़कर मैंने सीखा.. अच्छा होना गुनाह है, इस जहाँ में..!!
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