अगर में कहुँ उदास हु तुम बिन तो तुम लौट आओगी ना
दर्द आवाज छीन लेता है ओर खामोशी की कोई वजह नही होती
~Tere Baad Kon Roky’Ga Humein, Hum Khud Ko Jee Bhar k Barbaad Karein’Gy .. ‘
काग़ज़ पे तो अदालत चलती है.. हमने तो तेरी आँखो के फैसले मंजूर किये।
!! वो अब भी आती है ख्वाबों में मेरे.. ये देखने की मैं उसे भूला तो नहीं…..!!
अपने Attitude का ऐसा अंदाज रखो जो तुम्हे ना समझे, उसे नजर अंदाज रखो…
वो जवानी ही क्या जिसे लोग पलट कर न देँखेँ
उन्हें शिकायतों से शिकायत रहने लगी है, अब हम शिकायत जो नहीं करते!
मुमकिन नहीं शायद किसी को समझ पाना … बिना समझे किसी से क्या दिल लगाना
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