त्यौहारों के बहाने ही सही, रिश्ते तो घर लौट आते है…
एक मशविरा चाहिए, ख़ुदकुशी करूं या इश्क..
अगर में कहुँ उदास हु तुम बिन तो तुम लौट आओगी ना
कैसे गुजर रही है सभी पूछते तो हैं, कैसे गुजारता हूँ कोई पुछता नहीं…
~Bhool Kar Bhii Na Dena Kandha Mere Janazey Ko, Kahiin Phiir Ziinda Na Ho Jaon Tera Sahara Samajh Kar .. Continue Reading..
..है एक कर्ज़ जो हरदम सवार रहता है । …वो मम्मी पापा का प्यार है जो सब पर उधार रहता Continue Reading..
कहीं ज़िद पूरी, कहीं जरूरत भी अधूरी… कहीं सुगंध भी नहीं, कहीं पूरा जीवन कस्तूरी…!!
~Tere Baad Kon Roky’Ga Humein, Hum Khud Ko Jee Bhar k Barbaad Karein’Gy .. ‘
काजल ज़रूरी है तुम्हारी आँखों को, मेरी आँखों को डूबने की हद्द पता रहती है..
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