त्यौहारों के बहाने ही सही, रिश्ते तो घर लौट आते है…
! वो अब भी आती है ख्वाबों में मेरे.. ये देखने की मैं उसे भूला तो नहीं…..!!
~Hum To Agaaz’E-Mohabbat Mein Hi Lutt Gy, Log Toh Kehte The Ke Anjaam Bura Hota Haii .. ‘
मैं परेशान था उसकी ख़ातिर, औऱ वो दिल पे हाथ थाम के बैठी थी !!
“काश कुछ लोग बेईमान नही होते , तो आज इतने लोग परेशान नही होते!”
इतनी शिकायत , इतनी शर्तें , इतनी पाबन्दी, तुम मोहब्बत कर रहे हो या सौदा कोई !!
हम जो तेरे बगैर ज़िंदा है, सब दिखावा है दुनिया के लिए !!
~Chalo Accha Hua Ke Dhund Parney Lagi, Warna Dur Tak Takti Thi Niighein Raah Terii .. ‘
हमारी तलाश, तेरी लाश पे आके खत्म होगी..
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