कुछ नहीँ था मेरे पास खोने को, जब से मिले हो तुम डर गया हूँ मैँ
अब तेरी याद के साथ मेरा हरपल ख़ास है, तू पास नहीं है इसलिए दिल थोडा उदास है
सब मशरूफ थे नया साल मनाने में मैंने मेरी रूठी खुशियों को मना लिया..
“मेरा हर पल ��सुंदर है…, जब से तू इस दिल ❤के अंदर है.
मैं बुरा हूँ तो बुरा ही सही… …. कम से कम “शराफत” का दिखावा तो नहीं करता
एक सफ़र ऐसा भी होता है दोस्तों, जिसमें पैर नहीं दिल थक जाता है…
लोग क़दर तभी करते हैं जब उन्हें मुँह लगाना छोड़ दो
खुद ही दे जाओगे तो बेहतर है ,, वरना हम दिल चुरा भी लेते हैं..!
ऐ-दिल ज़रा मालूम तो कर,कहीं वो तो नहीं आ रहें . महफिल में उठा हैं शोर माशाअल्लाह-माशाअल्लाह
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