कुछ नहीँ था मेरे पास खोने को, जब से मिले हो तुम डर गया हूँ मैँ
मेरे कंधे पर कुछ यूँ गिरे तेरे आंसू, कि सस्ती सी कमीज़ अनमोल हो गयी.!!
मीठी यादों के साथ गिर रहा था, पता नहीं क्यों फिर भी मेरा वह आँसु खारा था.
~Apni Narazgii Ki Koii Wajah Toh Batayii Hotii, Hum Duniiya Chor Detey Tujhe Manany Ke Liiye .. ‘
मुकाम वो चाहिए मुझे, की जिस दिन भी हारु , . उस दिन जीतने वाले से ज्यादा मेंरे चर्चे हो
काग़ज़ पे तो अदालत चलती है.. हमने तो तेरी आँखो के फैसले मंजूर किये।
Ladki hai wo, Alarm nahi Pyaar karo usse, set nahi.
तेरी तलाश में निकलु भी तो क्या फायदा, तु बदल गया हैं ,खोया नही हैं ।
उन्हें शिकायतों से शिकायत रहने लगी है, अब हम शिकायत जो नहीं करते!
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