एक छोटी पेंसिल एक विशाल याद्दाश्त से कहीं बेहतर है
चलो मंजूर है तेरी बेरुखी मुझको बस इतना करो कि बेवफा मत होना
“मेरा हर पल ��सुंदर है…, जब से तू इस दिल ❤के अंदर है.
वो बड़े घर की थी साहब, . छोटे से दिल में कैसे रहती.
सुना है तुम ज़िद्दी बहुत हो, मुझे भी अपनी जिद्द बना लो.!!
!! वो अब भी आती है ख्वाबों में मेरे.. ये देखने की मैं उसे भूला तो नहीं…..!!
क्यों याद करेगा कोई बेवजह मुझे ऐ खुदा , लोग तो बेवजह तुम्हे भी याद नहीं करते !!”
~Sochti Hun Kabhi Utar Keh Daikhun Us Keh Dil Mein, Kon Basa Hai Us Mein Jo Mujhe Basne Nahii Deta Continue Reading..
मोहब्बत में दूरियों से फर्क नहीं पड़ता मोहब्बत निभाने वाला सच्चा हो
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