मोहब्बत का मेरे सफर आख़िरी है,
ये कागज, कलम ये गजल आख़िरी है
मैं फिर ना मिलूंग! कहीं ढूंढ लेना
तेरे दर्द का ये असर आख़िरी है…!!


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