Preet Singh Leave a comment मुझे शराब की बोतल का स्वभाव पसन्द आता है जो खुद ‘खाली‘ होकर दूसरो को ‘फुल‘ कर देती है! इसी को निस्वार्थ सेवा कहते हैं !! *- स्वामी पीयेकानन्द* Copy