संता:आज पता नहीं, सवेरे सवेरे किस मनहूस
की शक्ल देखी थी, सारा दिन बहुत बुरा
गुजरा
बंता:वो कैसे
संता:दरवाजा खोला,तो कुंडी हाथ मे आ
गई
नल खोला,तो टोटी हाथ मे आ गई
ब्रीफकेस खोला तो हेंडल हाथ मे आ गया
बंता:तो फिर
संता:फिर क्या सुबह से पेशाब आ रही है
सोच रहा हूँ कि करूँ या न करू


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