कल शाम एक खास मित्र दो “घूँट” पीने के बाद कुछ ज्यादा ही सेंटी हो गए…बोले
भाई कल पुरानी प्रेमिका की पुत्री 20 साल की हो जायेगी….
मैंने कहा तो क्या ?
बोले मेरा बेटा पिछले महीने ही 24 साल का हुआ है…कुछ ऐसा करो कि, मैं अपने बेटे की शादी “उस” की बेटी से करवा पाऊँ…
मैंने कहा इससे क्या होगा ?
अब कहानी का मर्म देखिये….
बोले…बहुत इच्छा थी की “उससे” शादी करूँ….वो मेरे बच्चों की माँ बने. पर यह हो न सका. पर अब सोचता हूँ की बेटे की शादी “उसकी” बेटी से करवा दूँ…
*तब मेरा बेटा उसे “मम्मी-मम्मी” ही तो कहेगा न…और कुछ नहीं तो,दिल में छुपी ज्वाला कहीं न कहीं तो शांत होगी..