अर्ज़ किया है –
महफ़िल में हमारे जूते खो गये ….
तो हम घर कैसे जायेंगे ?
महफ़िल में हमारे जूते खो गये …
तो हम घर कैसे जायेंगे ?
किसी ने कहा-
“आप शायरी तो शुरू कीजिए ….
इतने मिलेंगे कि आप गिन नहीं पायेंगे “
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