एक आदमी घर लौट रहा था.. 😂
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रास्ते में गाड़ी खराब हो गयी…
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रात काफी थी..
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एकदम घना अंधेरा था…
मोबाईल का नेटवर्क भी नहीं था….
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उसकी हवा खराब…
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ना कोई आगे ना दुर दुर तक कोई पिछे …
अब उसने गाड़ी साइड में लगा दी और लिफ्ट के लिये किसी गाड़ी का इंतेजार करने लगे…
काफी देर बाद एक गाड़ी बहुत धीमे धीमे उनकी ओर बढ रही थी…
उसकी जान में जान आयी …
उसने गाड़ी रोकने के लिये हाथ दिया …
गाड़ी धीरे धीरे रूक रूक कर उसके पास आयी…
उसने गेट खोला और झट से उसमें बैठ गया।
लेकिन अंदर बैठकर उसके होश उड़ गये…
गला सुखने लगा…
आँखे खुली रह गयी …
छाती धड़कने लगी…
उसने देखा कि ड्राइविंग सीट पर कोई नहीं है…
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गाड़ी अपने आप चल रही थी …
एक तो रात का अंधेरा …ऊपर से यह खौफनाक दृश्य …
उसको समझ नहीं आ रहा था अब क्या करूँ ..
बाहर जाऊँ की अंदर रहूँ …
वो कोई फैसला करता की सामने रास्ते पर एक मोड़ आ गया …
तभी दो हाथ उनके बगल वाले काँच पर पड़े और गाड़ी मुड़ गयी …
और फिर हाथ गायब …
अब तो उसकी सिट्टी पिट्टी गुम हो गयी…
हनुमान चालीसा शुरू कर दी…अंदर रहने में ही भलाई समझी …
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गाड़ी धीरे धीरे ..रूक रूक कर आगे बढती रही …
तभी सामने पेट्रोल पंप नजर आया …
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गाड़ी वहाँ जाकर रूक गयी …
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उसने राहत की साँस ली और तुरंत गाड़ी से उतर गया ..
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पानी पिया ..
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इतने में उसने देखा एक आदमी गाड़ी की ड्राइविंग सीट पर बैठने के लिये जा रहा है…
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वह दौड़ते हुये उसके पास पहूंचा और उससे कहा “इस गाड़ी में मत बैठो …
मैं इसी में बैठकर आया हूँ … इसमें भुत है”
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उस आदमी ने उसके गाल पर झन्नाटेदार थप्पड़ जड़ा और कहा…
अबे े… *तु बैठा कब रे इसमें?* …तभी मैं सोचूँ गाड़ी एकदम से भारी कैसी हो गयी …
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यह मेरी ही गाड़ी है…पेट्रोल खतम था तो पाँच कि.मी. से धक्का मारते हुये ला रहा हूँ


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