कौवे ने मटके से पूछा “तुम आग में तपा के बनाये जाते हो, फिर भी इतनी गर्मी में अपने अंदर पानी को कैसे ठंडा रख पाते हो?”⚱
मटके ने उत्तर दिया: वाष्पोत्सोर्जन, उष्माशोषी प्रक्रम है। इसके लिये ङेल्टा ∆H पोजिटिव होता है। मेरी सतह पर सूक्ष्म छिद्र होते हैं जिन पर उष्मागतिकी के नियमानुसार कूलिंग इफैक्ट जैनरेट होता है।
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ये सुनने के बाद कौवे ने तय किया कि वो आज के बाद अपने काम से काम रखेगा।


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